बच्चों के लिए अंग्रेजी अक्षरों को पहचानना सीखने के लिए पहला कदम ‘ए फॉर एप्पल’, ‘बी फॉर बॉल’ है. लेकिन उत्तर प्रदेश में अब इस मशहूर किताब की भाषा बदल गई है. बच्चों को अंग्रेजी अक्षर सिखाने वाली एक स्कूल की किताब में ‘अर्जुन’ को ‘एप्पल’ की जगह रखा गया है. यहां अब से बच्चे ‘बी’ से बॉल नहीं ‘बलराम’ सीखेंगे. C से कैट नहीं बल्कि चाणक्य कहना होगा.

अमीनाबाद इंटर कॉलेज, लखनऊ ने बच्चों की किताबों में अंग्रेजी वर्णमाला का यह ‘परिवर्तन’ किया है. इसका उद्देश्य बच्चों में कम उम्र से ही देश के इतिहास और पौराणिक कथाओं के बारे में जागरूकता फैलाना है. अंग्रेजी अक्षरों का प्रयोग कर स्कूल के अधिकारी बच्चों को देश के इतिहास और पौराणिक कथाओं के विभिन्न पात्रों से परिचित कराना चाहते थे. डी से ध्रुव और ई से एकलव्य और आई से इंद्र कहना होगा. इसके साथ ही एच से हनुमान कहने की सीख दी जा रही है.

लखनऊ के इस कॉलेज के प्राचार्य लाल मिश्रा ने कहा कि छात्रों को भारतीय संस्कृति के बारे में बहुत कम जानकारी है. इसलिए हमने उनके ज्ञान को बढ़ाने के लिए यह पहल की है. लेकिन हिंदी में पात्रों की संख्या बहुत अधिक है, इसलिए इसकी सूची तैयार करने में अधिक समय लगता है.

लखनऊ का यह स्कूल 125 साल पुराना है. स्कूल की स्थापना 1897 में हुई थी. बच्चों की किताब में स्कूल की ऐसी पहल अब चर्चा का विषय बनी हुई है. बच्चों की किताबों में न केवल पौराणिक और ऐतिहासिक पात्रों के नाम हैं, बल्कि उनका वर्णन भी है. सूची व विवरण विद्यालय द्वारा ही तैयार किया गया है.

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