पटना में आयोजित राज्य स्तरीय SIP Abacus *Prodigy Exam* में भागलपुर के बच्चों ने अपने शानदार प्रदर्शन से न सिर्फ सबका ध्यान आकर्षित किया, बल्कि जिले का नाम भी पूरे राज्य में रोशन किया। इस प्रतियोगिता में बिहार के अलग-अलग जिलों से लगभग 1500 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिनमें से 51 छात्र SIP Abacus भागलपुर सेंटर से थे। इन छात्रों ने अपनी मेहनत, लगन और प्रशिक्षण का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पुरस्कारों की झड़ी लगा दी।

**प्रतियोगिता में भागलपुर के 35 छात्रों को मिला सम्मान**

भागलपुर सेंटर के हेड समीर रंजन ने जानकारी दी कि 51 में से करीब 35 बच्चों ने विभिन्न श्रेणियों में ट्रॉफी, मेडल, कप और प्रशस्ति पत्र जीतकर जिले का मान बढ़ाया है। यह प्रतियोगिता बच्चों के लिए केवल एक परीक्षा नहीं, बल्कि उनके संपूर्ण मानसिक विकास की एक प्रक्रिया है, जो उन्हें गणनात्मक दक्षता, एकाग्रता, स्मरण शक्ति और तर्कशक्ति जैसे गुणों में पारंगत बनाती है।

उन्होंने बताया कि SIP Abacus का मुख्य उद्देश्य बच्चों के दिमागी विकास को गति देना है, जिससे वे अपने स्कूल के अध्ययन के साथ-साथ अन्य बौद्धिक क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता हासिल कर सकें। इस अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें बच्चों के अभिभावकों को प्रतियोगिता के महत्व और SIP Abacus की भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

**ब्रेन डेवेलपमेंट की दिशा में SIP Abacus की भूमिका**

SIP Abacus भागलपुर सेंटर की को-हेड कोमल गर्ग चौधरी ने कहा कि SIP Abacus बच्चों के *ब्रेन डेवेलपमेंट* में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनके अनुसार यह कार्यक्रम न केवल बच्चों की गणना संबंधी क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि उनके आत्मविश्वास, अनुशासन और एकाग्रता को भी सशक्त करता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्रशिक्षण है, जिससे बच्चे खेल-खेल में गणित सीखते हैं और उसका डर उनके मन से निकल जाता है।

उन्होंने यह भी बताया कि SIP Abacus की खासियत यह है कि यह न केवल पारंपरिक तरीकों से बल्कि डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करके भी बच्चों को पढ़ाता है। बच्चे अब SIP Abacus के प्रशिक्षण को ऑनलाइन माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे वे किसी भी स्थान से इस कार्यक्रम का लाभ उठा सकते हैं।

**अभिभावकों के लिए सुनहरा अवसर**

प्रतियोगिता के दौरान आयोजित संगोष्ठी में बड़ी संख्या में अभिभावकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान SIP Abacus टीम ने उन्हें इस कार्यक्रम के लाभों के बारे में बताया। कार्यक्रम में यह समझाया गया कि कैसे बच्चों की प्रारंभिक अवस्था में ही उनके मस्तिष्क का सही दिशा में विकास आवश्यक है, और SIP Abacus इसमें एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करता है।

समीर रंजन और कोमल गर्ग चौधरी ने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए SIP Abacus से जुड़ें और इस अद्भुत ब्रेन डेवेलपमेंट प्रोग्राम का हिस्सा बनें। इच्छुक अभिभावक अपने बच्चों को सेंटर विजिट के माध्यम से या SIP Abacus की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।

**बच्चों की सफलता से जिले का बढ़ा गौरव**

भागलपुर के इन बच्चों की यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। ऐसे समय में जब बच्चों को तकनीक और सोशल मीडिया की ओर अधिक झुकाव हो रहा है, SIP Abacus जैसी पहलें उन्हें रचनात्मक और बौद्धिक दिशा में प्रेरित कर रही हैं।

इस प्रतियोगिता के माध्यम से यह सिद्ध हो गया है कि यदि बच्चों को सही मार्गदर्शन और वातावरण दिया जाए तो वे किसी भी स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। SIP Abacus भागलपुर के प्रशिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों की इस सामूहिक सफलता ने एक मिसाल कायम की है।

**अंत में**

भागलपुर के छात्रों ने SIP Abacus *Prodigy Exam* में जिस तरह से चमक बिखेरी है, वह वास्तव में सराहनीय है। यह सफलता केवल प्रतियोगिता की नहीं, बल्कि शिक्षा और समग्र विकास की जीत है। SIP Abacus जैसे कार्यक्रम बच्चों के अंदर छिपी संभावनाओं को निखारने का काम करते हैं। आशा है कि भविष्य में भी भागलपुर के छात्र इसी तरह राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराते रहेंगे।

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