पटना । बिहार में बिजली महंगी नहीं होगी। बिजली उपभोक्ताओँ को पिछले वर्ष के आधार पर ही बिजली शुल्क देना होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि जो शुल्क बढ़ा है, उसकी प्रतिपूर्ति राज्य सरकार सब्सिडी बढ़ाकर करेगी। राज्य सरकार ने पिछले साल 8895 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी, इस साल सरकार 13114 करोड़ की सब्सिडी देगी।
देश सबसे ज्यादा सब्सिडी बिहार में उपभोक्ताओं को दी जा रही है। इस बढ़ी हुई राशि से आम उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले वित्तीय भार को खत्म किया जाएगा।
सब्सिडी की राशि बिजली उपभोक्ताओं को उनकी खपत के आधार पर मिलेगा। इसके पहले शुक्रवार सुबह विधानमंडल का सत्र शुरू होने के पूर्व ही राज्य कैबिनेट ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सब्सिडी देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
सीएम ने कहा कि बिहार को अन्य राज्यों की तुलना में काफी महंगी बिजली मिल रही है। बिहार को 5.82 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिल रही है। पिछले साल यह दर 5.12 रुपये प्रति यूनिट ही थी।
गुजरात को 3.74 रुपये प्रति यूनिट, महाराष्ट्र को 4.32 रुपये प्रति यूनिट, राजस्थान को 4.46 रुपये प्रति यूनिट और मध्य प्रदेश को 3.49 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिल रही है।
इसके पहले ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने बिजलीघरों के लिए 30 फीसदी आयातित कोयले की खरीद अनिवार्य कर दी है। इस कारण बिजली की दर 2022-23 में 5.12 रुपये प्रति यूनिट से 11 फीसदी बढ़कर 5.82 रुपये हो गयी है।
दो वर्ष पहले केन्द्र ने विद्युत संचरण की दर में भी अप्रत्याशित वृद्धि की है।