कभी इस बात के लिए बदनाम था गांव, अब यहीं से शुरू होगी नीतीश कुमार की यात्रा, चौंका देगी खासियत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी 5 जनवरी यानी आगामी गुरुवार से एक बार फिर बिहार की यात्रा पर निकल रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार उनकी यह यात्रा पश्चिमी चंपारण जिले के एक ऐसे गांव से शुरू होगी जो कभी शराब के लिए बदनाम था. लेकिन, आज यह शराबबंदी की मिसाल पेश कर रहा है.
बगहा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 5 जनवरी से बिहार की यात्रा पर निकल रहे हैं. करीब एक महीने चलनेवाली इस यात्रा में वे शराबबंदी को लेकर लोगों की राय जानेंगे और लोगों को पुन: जागरूक करेंगे. मुख्यमंत्री की इस यात्रा को इसलिए महत्व दिया जा रहा है कि हाल ही में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद कई स्तर पर शराबबंदी के औचित्य पर लोग बोलने लगे थे. मंत्रिमंडल सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, उनकी यात्रा का आरंभ पश्चिमी चंपारण जिले से होगी. बताया जा रहा है कि इसके पीछे भी विशेष कारण है.
दरअसल, पश्चिमी चंपारण का दरुआबारी गांव शराब निर्माण एवं शराब कारोबार के लिए जाना जाता था. कभी दरुआबारी के महादलित गांव के प्रत्येक घरों में शराब का निर्माण होता था और लोग शराब का सेवन करते थे. लेकिन, 1998 में स्थानीय प्रबुद्ध लोगों एवं समाजसेवियों ने इस गांव को सुधारने का बीड़ा उठाया और सर्वसम्मति से गांव में 1998 में पूर्ण रूप से शराबबंदी लागू कर दी गई थी. स्थानीय विनोद तिवारी ने बताया कि गांव में 1998 से ही पूर्ण रूप से शराबबंदी है.
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि गांव में अगर किसी के द्वारा शराब का निर्माण किया जाता है तो गांव के लोगों के द्वारा उक्त परिवार का बहिष्कार किया जाता है. साथ ही उस पर आर्थिक दंड भी लगाया जाता है. स्थानीय महिलाओं के द्वारा शराबबंदी की पूरी तरह से गांव में निगरानी की जाती है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री अपनी यह यात्रा दरुआबारी गांव से ही शुरू कर रहे हैं.
वहीं, महादलित बस्ती के सटे बना ऐतिहासिक दलदलिया पोखरा भी कभी अपना ऐतिहासिक महत्व है. यहां के लोगों की माने तो इस पोखरा का निर्माण ऐतिहासिक अल्लाह रुदल के द्वारा कराया जाता कराया गया था. करीब 25 एकड़ में फैला यह दलदलीया पोखरा आज अतिक्रमण का शिकार भी हो गया है.
मुख्यमंत्री के संभावित इस यात्रा से दरुआबारी गांव का के विकास की आस जगी है. वहीं पोखरा के जीर्णोद्धार को लेकर किए जा रहे कार्यों से पोखरा के अस्तित्व के बचाव की भी आस जगी है. वहीं दलित बस्ती में जाकर मुख्यमंत्री विकास योजनाओं की भी जानकारी हासिल करेंगे.