केंद्र सरकार सीडीएस और एनएसए के तर्ज पर भारत के मुख्य जांच अधिकारी(सीआइओ) का एक नया पद सृजित कर सकता है। जानकारी के अनुसार, वर्तमान में जैसे देश के अंदर तीनों सेवाएं सीडीएस को और दो खुफिया एजेंसियां एनएसए को रिपोर्ट करती हैं। उसी तरह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रमुख सीआईओ को रिपोर्ट करेंगे।

दरअसल, केंद्र सरकार को यह सुचना मिल रही थी कि ईडी और सीबीआई की जांच के क्षेत्रों में काफी ओवरलैप है। जिसके बाद सरकार ने अब यह फैसला किया है कि जिस तरह सीडीएस और एनएसए कार्य करती है ठीक उसी तरह अब सीबीआई और ईडी के लिए एक अलग पद सृजित किया जाएगा। जिसका नाम सीआईओ होगा। हालांकि, इस बात की अभी आधिकारिक एलान नहीं किया गया है, उम्मीद जताई जा रही है अगले कुछ दिनों में इसका एलान हो सकता है।

बताया जा रहा है कि, ईडी मुख्य तौर पर वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ें मामलों में अपना जांच करता है। जिसमें में मनी लॉन्ड्रिंग और फेमा उल्लंघन से संबंधित मामले शामिल होते हैं। लेकिन सीबीआई भ्रष्टाचार और अन्य सभी तरह से आर्थिक अपराधों के मामलों की छानबीन करती है। ऐसे में कभी- कभी इनके बीच ओवरलैप देखने को मिल जाता है। इसलिए अब इनके बीच बेहतर समांजस्य हो लेकर केंद्र सरकार नया पद सृजित करेगी जिसका नाम सीआईओ होगा। इनके जरिये दोनों एजेंसियों का नेतृत्व करने वाले के बीच बेहतर तालमेल बनेगा।

मिली जानकारी के अनुसार, नया पद भारत सरकार के सचिव रैंक का होगा। इसको लेकर फिलहाल जो नाम आगे किया जा रहा है उसमें निवर्तमान ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा है। मिश्रा को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर तक ईडी प्रमुख के रूप में बने रहने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सेवानिवृत्ति के बाद केंद्र सरकार द्वारा उन्हें दिए गए एक-एक साल के दो एक्सटेंशन को अवैध करार दिया था। हालाँकि, कोर्ट ने राष्ट्रीय हित में 15 सितंबर तक पद पर बने रहने की अनुमति दी है क्योंकि केंद्र सरकार ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की चल रही समीक्षा के कारण उनके पद पर बने रहने का अनुरोध किया था, जिसमें कुछ पड़ोसी देश चाहते थे कि भारत को इसमें शामिल किया जाए।

आपको बताते चलें कि, सीआईओ का पद 15 सितंबर को मिश्रा के कार्यालय छोड़ने से पहले बनाया जा सकता है। ईडी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत काम करना जारी रखेगा और सीबीआई कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत काम करती रहेगी। .हालाँकि, दोनों एजेंसियों का परिचालन पर्यवेक्षण सीआईओ को हस्तांतरित किया जाएगा, जो बदले में प्रधान मंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करेगा।

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