भागलपुर। पति की दीर्घायु और दांपत्य सुख की कामना को लेकर सुहागिन महिलाएं शुक्रवार को करवा चौथ का व्रत रखेंगी। यह पर्व हिंदू परंपरा में अटूट विश्वास और असीम प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखती हैं और भगवान शिव, पार्वती, गणेश और चंद्रमा की पूजा करती हैं। पूजा में करवा, रोली, चावल, दीपक, फल, फूल और सुहाग की सामग्री का विशेष महत्व रहता है।

बाबा बूढ़ानाथ मंदिर के पंडित ऋषिकेश पांडेय ने बताया कि इस वर्ष करवा चौथ का व्रत सूर्योदय के साथ आरंभ होगा। महिलाएं पूरे दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत का पालन करेंगी। चंद्रोदय का समय देर शाम 7 बजकर 58 मिनट पर रहेगा, जबकि रात्रि 12 बजकर 24 मिनट तक चंद्रमा को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त रहेगा। रात में व्रती महिलाएं सोलह शृंगार कर चौथ माता की पूजा-अर्चना करेंगी। पूजा के दौरान महिलाएं छन्नी में दीपक रखकर पहले चंद्रमा का दर्शन करेंगी, फिर उसी छन्नी से पति का चेहरा देखकर जल ग्रहण कर व्रत का समापन करेंगी।

पंडित पांडेय ने बताया कि करवा चौथ की पूजा में चमेली और जूही के पुष्प का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश को मोदक लड्डू का भोग लगाया जाता है। महिलाएं धूप-दीप जलाकर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यह व्रत न केवल पति की लंबी उम्र के लिए बल्कि वैवाहिक जीवन में प्रेम, सौहार्द और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है।

करवा चौथ को लेकर शहर के बाजारों में विशेष रौनक देखने को मिली। बुधवार से ही शृंगार और पूजा सामग्री की खरीदारी के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मुख्य बाजार, स्टेशन रोड, तिलकामांझी और बाराहाट रोड के दुकानों में मेहंदी, चूड़ी, साड़ी, बिंदी, छलनी, करवा, दीपक, सजावटी थाली और पूजा सामग्री की खरीदारी के लिए दिनभर चहल-पहल बनी रही।

विक्रेता गोबिंद कुमार ने बताया कि दिनभर दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ रही। महिलाएं करवा चौथ के व्रत के लिए आवश्यक सभी वस्तुएं खरीदती नजर आईं। कई दुकानदारों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विशेष ऑफर और छूट भी दी है। उन्होंने बताया कि इस बार करवा चौथ के मौके पर व्यापार में अच्छी वृद्धि की उम्मीद है।

करवा चौथ का यह पावन व्रत न केवल सुहागिनों के लिए धार्मिक उत्सव है, बल्कि प्रेम, आस्था और पारिवारिक एकता का प्रतीक बनकर समाज में अपनी विशेष पहचान रखता है।

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