नगर निगम में नए संसाधनों की खरीद टेंडर के पचड़े में फंसी है।
स्थिति यह है कि जिन संसाधनों की खरीद की प्रक्रिया एक साल पहले शुरू हुई उसकी अब तक खरीद नहीं हो पायी है।
उदाहरण के लिए ट्रैक्टर और जेसीबी है। नगर निगम में कुछ दिन पूर्व चार हाईवा की खरीद की गई है।
इसका परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस सर्टिफिकेट भी मिल गया है लेकिन इस्तेमाल शुरू नहीं हो पाया है। क्योंकि इसका इस्तेमाल लोकल डंप साइट से कूड़ा उठाने के लिए किया जाएगा और लोकल डंप साइट तक कूड़ा पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर ही नहीं है।
वार्ड के अंदर से ट्रैक्टर से कूड़ा निकाला जाना है और लोकल डंप साइट पर जेसीबी से हाईवा में कूड़ा भरकर डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाना है।
शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह कार्ययोजना बनायी गई थी। दरअसल, नगर निगम में ट्रैक्टर की कमी पिछले कई सालों से है।
दो बार टेंडर होकर रद्द हो गया। अब जब टेंडर फाइनल हो गया है तो एजेंसी ट्रैक्टर नहीं उपलब्ध करा रही है। पहले तो एजेंसी ने यह बहाना बनाया कि ऑर्डर में ट्रैक्टर की ट्रॉली की जो साइज बतायी गई है उसके लिए अलग से निर्माण कराना होगा, लेकिन यह कहे हुए भी तीन महीने गुजर गए।
एजेंसी को आठ ट्रैक्टर और दो जेसीबी उपलब्ध कराना है। इन संसाधनों के नहीं रहने से नगर निगम की सफाई पर असर पड़ रहा है।
एजेंसी की लेटलतीफी पर नगर निगम प्रशासन ने एक दिन पहले एजेंसी को पत्र दिया है जिसमें उसके रवैये पर असंतोष व्यक्त किया गया है। यह भी कहा गया है कि जल्द संसाधनों की आपूर्ति नहीं की जाती है तो नगर निगम ऑर्डर भी रद्द कर सकता है।