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बिहार के बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में हुए ट्रिपल मर्डर कांड ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। इस दिल दहला देने वाली वारदात में एक ही परिवार के तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिससे पूरे गांव में दहशत का माहौल है। यह घटना शनिवार सुबह करीब 5:10 बजे की बताई जा रही है, जब गांव में गोलियों की आवाज से लोग सहम गए। इस हत्याकांड ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पुलिस की भूमिका को भी कठघरे में ला खड़ा किया है।

घटना के पीछे दो पक्षों के बीच पहले से चल रहा विवाद बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, 23 मई को दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसकी सूचना स्थानीय चौकीदार रितेश पांडेय को दी गई थी। लेकिन उसने यह सूचना समय पर थाने को नहीं दी। अगर पुलिस को पहले ही सूचित कर दिया गया होता, तो शायद 24 मई को यह तीन लोगों की जान लेने वाली घटना टल सकती थी। इस लापरवाही के चलते चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि इस हत्याकांड के पीछे पुलिस की निष्क्रियता और पक्षपात पूर्ण रवैया जिम्मेदार है। जब घटना की सूचना थानेदार को दी गई, तो वह दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे। तब तक तीन लोगों की जान जा चुकी थी। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर मामले को नजरअंदाज किया और दबंगों को खुली छूट दी।

स्थानीय थानेदार संतोष यादव पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित परिवार और गांव वालों का दावा है कि थानेदार का संबंध आरोपियों से है। ग्रामीणों ने बताया कि थानेदार अक्सर हत्या के आरोपियों के घर शराब और मटन पार्टी में शामिल होते थे। इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस और अपराधियों के बीच सांठगांठ थी। यही कारण है कि गांव में लगातार हो रहे अवैध कब्जों और विवादों की शिकायतें भी अनसुनी कर दी गईं।

घटना में इस्तेमाल किया गया हथियार भी लाइसेंसी था, जिससे पांच लोगों को निशाना बनाया गया। इनमें तीन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हैं और अस्पताल में इलाजरत हैं। यह घटना प्रशासन की नाकामी और कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति को उजागर करती है।

घटनास्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, पुलिस कप्तान शुभम आर्य, शाहाबाद रेंज के डीआईजी सत्य प्रकाश, स्थानीय विधायक विश्वनाथ राम और डुमरांव विधायक अजित कुशवाहा के सामने ग्रामीणों ने जमकर नाराजगी जाहिर की। सभी अधिकारियों ने लोगों की शिकायतों को गंभीरता से सुना और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

डीएम अंशुल अग्रवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक-दो दिनों में हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे और जिन सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा है, उन्हें भी खाली कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे वह कोई भी हो, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

शाहाबाद रेंज के डीआईजी सत्य प्रकाश ने बताया कि तीन लोगों की हत्या हुई है और दो घायल हैं। सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है। साथ ही थानेदार की भूमिका की भी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस हत्याकांड ने पूरे बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर एक बार फिर चिंता जताई है। ग्रामीणों की मांग है कि न केवल आरोपियों को सजा दी जाए, बल्कि जिन अधिकारियों ने लापरवाही की है, उन्हें भी जवाबदेह ठहराया जाए। अब देखना यह होगा कि प्रशासन अपने वादों पर कितना खरा उतरता है।

By admin

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