भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अगले माह 2 और 3 जुलाई को हैदराबाद में होगी। कोरोना महामारी का प्रकोप घटने के बाद दिल्ली के बाहर होने वाली भाजपा की यह पहली बड़ी बैठक होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सत्ता और संगठन के सभी शीर्ष नेता हिस्सा लेंगे। भावी चुनावी तैयारियों की दृष्टि से यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है।

तेलंगाना में बैठक करना भाजपा की भावी रणनीति का हिस्सा है। इस समय भाजपा का दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा जोर तेलंगाना पर बना हुआ है। वहां पर बीते लोकसभा चुनाव के साथ कुछ उपचुनाव और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भाजपा को काफी सफलता भी मिली थी। ऐसे में पार्टी कर्नाटक के बाद तेलंगाना को दक्षिण भारत में अपना अगला लक्ष्य मानकर काम कर रही है। यही वजह है कि तेलंगाना के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण को उसने राज्यसभा में लाने का फैसला भी किया है, ताकि तेलंगाना में पार्टी और ज्यादा जोरदार से काम कर सके।

तेलंगाना में भाजपा के बढ़ते कदमों से राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस के नेता मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव काफी परेशान हैं और वह लगातार विपक्षी एकता की कोशिशों में लगे हुए हैं। तेलंगाना में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। यही वजह है कि भाजपा ने हैदराबाद को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए चुना है, ताकि राज्य में पार्टी अपना माहौल बना सके। 

सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपनी भावी चुनावी तैयारियों और संगठनात्मक कामकाज की रूपरेखा को भी तैयार करेगा। पिछले दिनों जयपुर में हुई राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में आने वाले दो साल में होने वाले विभिन्न विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर चर्चा की गई थी। अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसको विस्तार दिया जाएगा। चूंकि इस बैठक में पार्टी का समूचा केंद्रीय नेतृत्व और राज्यों का शीर्ष नेतृत्व शामिल रहता है, इसलिए यह बैठक समीक्षा व कार्ययोजना की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होती है।

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