भागलपुर जिले के पीरपैंती विधानसभा के विधायक ललन कुमार एक बार फ‍िर चर्चा में आ गए हैं। वे अपने बयान के कारण ही फंस गए। अब वे कह रहे हैं मैं सनातनी हूं देवी-देवताओं पर उनकी पूरी आस्था है।

भागलपुर जिले के पीरपैंती विधायक ने इंटरनेट मीडया पर चले रहे अपने बयानों पर नया बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वह कुछ और कहना चाहते थे लेकिन किसी यूट्यूब चैनल ने उनका बयान तोड़-मरोड़कर परोसा जिससे विवाद बढ़ गया। दरअसल, पीरपैंती के भाजपा विधायक ललन कुमार का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह कह रहे हैं कि लक्ष्मी की पूजा से धन आता तो मुस्मिल लोग पूजा न करने के बाद भी करोड़पति क्यों हैं। इस बयान के बाद ग्रामीणों में आक्रोश आ गया जिस पर उन्होंने अब कहा है कि मैं सनातनी हूं, देवी-देवताओं पर मेरी पूरी आस्था है।

आइए बताते हैं, उनके किस बयान की अभी चर्चा हो रही है

लक्ष्मी पूजा से यदि धन हो जाता तो मुसलमान कैसे करोड़पति हो गए।

माता सरस्वती अगर विद्या की देवी है, तो मुस्लिम भाई कैसे आइए, आइपीएस बन रहे हैं।

बजरंगबली की पूजा करने से अगर शक्ति की प्राप्ति होती तो अमेरिका शक्तिशाली कैसे  बन गया।

श्राद्ध भोज नहीं करेंगे और किन्‍हीं के यहां श्राद्ध भोज खाने भी नहीं जाएंगे। 

विधायक ललन ने गुरुवार को अपनी मां का श्राद्ध भोज कराया। वहां पांच सौ से ज्‍यादा लोगों ने भोज किया। विधायक ने पत्रकारों को सफाई दी कि बड़ी बहन के निधन के 25 दिन बाद मां का निधन हुआ। मैंने निर्णय लिया था कि श्राद्ध भोज नहीं कराऊंगा और न ही कभी भी किन्‍हीं का श्राद्ध भोज खाउंगा। लेकिन गोतिया, संबंधी जो अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे उन्हें भोज कराना जरूरी है। मेरा मानना है कि यह कुप्रथा है लेकिन हमारे पूर्वज करते आए। ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के बाद कल्याण के लिए भोज कराना चाहिए तो मैंने भी करीब 500 लोगों को भोज कराया। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि विधायक जी यहां मां की श्राद्ध में काफी लोगों ने भोज खाया है। फेसबुक सहित अन्‍य इंटरनेट मीडिया प्‍लेटफार्म पर कई लोगों ने भोज की तस्‍वीर पोस्‍ट की है, जिसमें तरह-तरह के कमेंट आ रहे हैं।

विधायक ने कहा कि मेरा मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, बजरंगली के बारे में कहने के आशय को तोड़कर गलत अर्थ निकाला गया। यह राजनीतिक विद्वेष था। सफाई देते हुए विधायक ने कहा कि हमसे पूछा गया कि आप मृत्युभोज नहीं दे रहे हैं तो आपको कर्मकांड एवं पिंडदान भी नहीं करना चाहिए। तब हमने कहा कि यह मानने की चीज है। मानो तो देव नहीं तो पत्थर। हमारे पूर्वज बताते रहे कि पिंडदान और श्राद्ध से पितरों का मिलन होता है। मरने वाले को सद्गति मिलती है। देश-दुनिया में तमाम पद्धतियां हैं। सब अपने अनुसार सारी क्रियाएं करते हैं। मैं हिंदू हूं। सनातनी परंपरा एवं आस्थाओं पर पूर्ण विश्वास करता हूं।

ललन पासवान ने कहा कि हमारा समाज जब अछूत होने का दंश झेल रहा था और हमारे लिए मंदिर के दरवाजे बंद थे तो हमारी पार्टी भाजपा और आरएसएस ने हमें मुख्यधारा से जोड़ा। हमारे लिए भी आज सबकुछ खुला है। उन्‍होंने कहा कि आरएसएस तो मेरी मां है। भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी प्‍यारे हिंद ने कहा कि खैर जो भी हो, विधायक को कुछ भी बोलने से पूर्व विचार करना चाहिए था। इससे पार्टी की छवि खराब होती है। जिलाध्‍यक्ष रोहित पांडेय ने कहा कि विधायक से वे इस संबंध में बात करेंगे।

यहां बता दें कि ललन कुमार पीरपैंती विधानसभा से भाजपा की टिकट पर दो बार चुनाव लड़े थे। दूसरी बार में विधायक बने। विधायक बनने के बाद उन्‍हें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का भी फोन आया था, जिसकी काफी यहां चर्चा हुई थी। ललन कुमार लगातार कुछ ना कुछ ऐसा बयान देते हैं कि वे चर्चा में रहें।

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