पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के मैनागुड़ी में गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस (15633) हादसे के बाद अब इस घटना में बचे लोगों ने अपनी दास्तान बताई है। इस हादसे में जिंदा बचे एक यात्री ने कहा, ‘एक भारी झटके के बाद तेज आवाज हुई, मैं अपनी सीट से गिर गया और फिर वहां अंधेरा छा गया।’ गुरुवार को हुए इस हादसे में अब तक 5 लोगों के मौत की खबर है और 45 यात्री घायल हो गये। जानकारी के मुताबिक ट्रेन की 12 बोगियां पटरी से उतर गईं।
NFR के प्रवक्ता ने गुवाहाटी में कहा कि जहां यह भीषण रेल हादसा हुआ है वो इलाका नॉर्थईस्ट फ्रंटियर (NFR) रेलवे के अलीपुरदार डिविजन में आता है। एक यात्री ने कहा, ‘हमें अचानक झटका लगा। हम सब जोर-जोर से हिल रहे थे और ऊपर की सीट पर रखा सामान इधर-उधर गिर गया।’
यात्री के मुताबिक आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त एक डिब्बा टक्कर के कारण दूसरे डिब्बे के ऊपर चढ़ गया, जबकि कुछ डिब्बे ढलान से उतरकर पलट गए। आस-पास के गांवों के सैकड़ों लोग घटनास्थल पर एकत्र हो गए, और उन यात्रियों की मदद के लिए हाथ बंटाते देखे गए जो क्षतिग्रस्त डिब्बों के अंदर फंस गए थे। दुर्घटना के दौरान कुछ डिब्बे ट्रेन से अलग हो गए, जबकि कुछ के पहिए पटरी से उतर गए। यात्री ने बताया कि शाम को करीब 5 बज रहा था और मैं अपनी पत्नी से फोन पर बातचीत कर रहा था। अचानक मैंने तेज आवाज सुनी और जोर का झटका लगा। जब मैं अपनी बर्थ से गिरा तब मुझे थोड़ी देर बाद होश आया।
रिश्तेदारों को तलाश रहे थे यात्री
जिंदा बचे एक यात्री संजोय ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि कुछ बचे हुए यात्री अपना सामान खोज रहे थे। इसके अलावा हादसे के बाद कुछ लोग ट्रेन में सवार अपने रिश्तेदारों की तलाश कर रहे थे। यात्री ने बताया, ‘मेरी मां और मैं चाय पी रहे थे। तब ही अचानक एक आवाज आई हम सभी चकित रह गए तथा तब ही अचानक ऊपर के बर्थ पर रखे सामान इधर-उधर बिखर गए। एक अन्य स्थानीय यात्री ने बताया कि इसके बाद स्थानीय लोगों ने मुझे बचाया। लेकिन अभी मेरी मां का पता नहीं चल पाया था। मैं नहीं जानता कि उनका क्या हुआ।
चीख रहे थे लोग
एक अन्य घायल शख्स ने बताया, ‘हमने हादसे वाली जगह से तीन बॉडी निकाले। इनमें से 2 लोगों की अस्पताल में मौत हो गई। जलपाईगुड़ी की डीएम मौमिता गोदारा बसु ने कहा, ‘कम से कम 45 यात्री जख्मी हो गए है।’ हादसे के बाद सबसे पहले वहां पहुंचने वाले मनोहर पाल ने कहा कि मैं अपने दोस्तों के साथ चाय पी रहा था। तब ही मैंने तेज आवाज सुनी। हमें पहले लगा कि कहीं कोई ब्लास्ट हुआ है। लेकिन जब हम आवाज की दिशा में दौड़े तब हमने देखा कि ट्रेन की बोगियां पटरी से उतर गई थीं। हमने सुना कि जो कोच पटरी से उतर गए थे उसमें से लोग चीख रहे थे। हमने तुरंत उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की।