अमृत भारत एक्सप्रेस केवल एक ट्रेन नहीं, बल्कि नए और आत्मविश्वासी बिहार की पहचान है। दशकों से राज्य की कहानी निरंतर यात्राओं की रही है – पढ़ाई के लिए जाते छात्र, रोज़गार की तलाश में मज़दूर, या रिश्तेदारी और धार्मिक अवसरों पर निकलने वाले परिवार। अब तक ये यात्राएँ अक्सर भीड़भाड़, असुविधा और लंबी प्रतीक्षा से भरी होती थीं। लेकिन अमृत भारत ने इस तस्वीर को बदल दिया है।
यह सचमुच जनता की ट्रेन है। किराया मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों जैसा, लेकिन आराम कहीं ज़्यादा। नए डिब्बे, आरामदायक सीटें, बायो-वैक्यूम शौचालय, चार्जिंग प्वाइंट, आधुनिक सुरक्षा और पैंट्री कार ने इसे सम्मानजनक और किफ़ायती यात्रा का नया मानक बना दिया है। दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, अमृतसर या बेंगलुरु जाने वाले बिहारवासी अब बेहतर अनुभव और अधिक भरोसे के साथ सफ़र कर रहे हैं।
राष्ट्रीय रेल नेटवर्क में बिहार की भूमिका अभूतपूर्व है। पहली 14 अमृत भारत सेवाओं में से 10 बिहार से जुड़ी हैं। दरभंगा, मोतिहारी, सीतामढ़ी, गया, सहरसा और पटना जैसे शहर अब देश के बड़े व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्रों से और मजबूत ढंग से जुड़े हैं। जोगबनी से इरोड तक 3,129 किलोमीटर लंबा मार्ग इसका उदाहरण है, जो राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से को दक्षिण भारत के औद्योगिक केंद्रों से जोड़ता है। यह केवल रेलमार्ग नहीं, बल्कि छात्रों, श्रमिकों और परिवारों के लिए अवसरों का पुल है।
इस सेवा का असर केवल यात्रियों तक सीमित नहीं है। किसानों और छोटे व्यापारियों को पार्सल वैन की सुविधा ने बड़े बाज़ारों तक पहुँच आसान बनाई है। अमृत भारत स्टेशन योजना से स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को मंच मिला है, वहीं स्टेशन पर बढ़ते यात्रियों ने रिक्शा चालकों, दुकानदारों और होटल व्यवसायियों को भी रोज़गार बढ़ने का अवसर दिया है।
पर्यटन क्षेत्र को भी नई उड़ान मिली है। गया–दिल्ली सेवा ने बोधगया और नालंदा को देश की राजधानी से सीधा जोड़ा है। सीतामढ़ी सेवा ने रामायण सर्किट को मजबूती दी है। इसी तरह बिहारवासी अमृतसर, हरिद्वार और बेंगलुरु तक सहज पहुँच पा रहे हैं, तो वहीं बाहरी पर्यटक भी बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को देख पा रहे हैं।
सबसे अहम बदलाव मानसिकता का है। लंबे समय तक पिछड़ेपन की छवि से जूझते बिहार को अब गर्व के साथ देखा जा रहा है। यह ट्रेन राज्य के युवाओं को अवसरों से, परिवारों को शहरों से और गाँवों को राष्ट्रीय बाज़ार से जोड़ रही है।
अमृत भारत एक्सप्रेस सिर्फ़ पटरियों पर दौड़ती ट्रेन नहीं है, बल्कि परिवर्तन का प्रतीक है। यह बिहार को एक गतिशील, आधुनिक और आत्मविश्वासी भविष्य की ओर ले जाने वाला इंजन है।
