बिहार के पीरपैंती विधानसभा के भाजपा विधायक ई ललन कुमार की माता का निधन हो गया है। उन्‍होंने फैसला लिया है कि वे श्राद्ध में भोज नहीं देंगे। साथ ही यह भी कहा कि वे किसी के श्राद्ध का भोज खाएंगे भी नहीं।

बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती विधानसभा के भाजपा विधायक ई. ललन कुमार ने अपनी माता कुलेश्वरी देवी की मृत्यु के पश्चात होने वाले मृत्यु भोज का बहिष्कार किया है। इस संबंध में उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है। विधायक ने कहा है कि मृत्यु के पश्चात शोक की विकट घड़ी में श्राद्ध कर्म के दौरान होने वाला भोज एक सामाजिक कुप्रथा है। जिस प्रकार दहेज प्रथा, छुआछूत, जात-पात, वर्ण एवं लिंग विभेद आदि कुप्रथा के रूप में एक सामाजिक कोढ़ है। उसी प्रकार मृत्यु भोज भी एक प्रकार का सामाजिक कोढ़ है। मृत्यु के पश्चात पूरा परिवार शोक में डूबा होता है। समाज के अधिकांश लोग मृत्यु भोज के बाद कर्ज में भी डूब जाते हैं। शोक एवं कर्ज में डूबे परिवार से इस अपार दुख की घड़ी में मृत्यु भोज खाना दुर्भाग्यपूर्ण एवं अमानवीय कृत है। इसका समाज को बहिष्कार करना चाहिए।

ललन कुमार ने कहा कि उनकी माता कुलेश्वरी देवी का छ‍ह अक्टूबर को निधन हो गया था। हमने अपने परिजनों के साथ मिलकर 19 अक्टूबर को तेरहवीं पर होने वाले मृत्यु भोज का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया हूं। न ही मृत्यु के बाद भोज करेंगे, न ही कहीं खाने जाएंगे और न ही लोगों को खाने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि समाज को मिलकर इस कोढ़ को जड़ से खत्म करने में आगे आना होगा।

यहां बता दें कि विधायक ललन कुमार लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। पहली बार विधायक बने हैं। वे इंटरनेट मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर लगातार सक्रिय बने रहते हैं। सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं। उन्‍होंने कहा कि लोगों ने मुझे चुना है, इसलिए उनके विश्‍वास पर खरा उतरना उनकी जिम्‍मेदारी है। उन्‍होंने कहा कि समाज में कुछ ऐसी प्रथा चल रही है, जिससे समाप्‍त करने की जरुरत है। उन्‍होंने दहेज प्रथा, बाल विवाह प्रथा, श्राद्ध  भोज, बाल मजदूरी आदि पर रोक लगाने की मांग  की है। 

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