बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा विधायक अनंत सिंह को एके 47 मामले में सजा मिली है। पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को 10 साल कैद में रहने की सजा सुनाई। 14 जून को उन्हें कोर्ट ने दोषी करार दिया था। सजा मिलने के बाद अनंत सिंह की विधानसभा की सदस्यता जाने का खतरा है। दो वर्ष से ज्यादा सजा होने पर विधानसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है। हालांकि उनके वकील सुनील कुमार ने कहा कि सजा के फैसले को पटना हाइकोर्ट में चुनोती दी जाएगी और अपील दायर की जाएगी। अदालत ने अनंत सिंह के पैतृक आवास के केयरटेकर को भी 10 साल की सजा सुनाई है।
इस कांड की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के तहत प्रतिदिन यानी 34 माह तक चली। इस कांड में विधायक अनंत सिंह को सुप्रीम कोर्ट तक से जमानत नहीं मिली थी। 25 अगस्त 2019 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। इस मामले विधायक और उनके केयर टेकर पर 15 अक्टूबर 2020 में आरोप गठित किया गया था। इसके बाद विशेष लोक अभियोजक ने 13 पुलिस अभियोजन गवाहों को कोर्ट में पेश किया। विधायक की ओर से बचाव पक्ष में 34 गवाह पेश किए गए।
इस आपराधिक कांड को बिहार सरकार ने विशेष कांड की श्रेणी में रखा है और इस मामले आरोपी के खिलाफ ट्रायल के लिए विशेष लोक अभियोजक को नियुक्त किया गया था। इस कांड का अनुसंधान बाढ़ अनुमंडल की तत्कालीन एएसपी लिपी सिंह ने किया था और विधायक व केयर टेकर के खिलाफ कोर्ट में 5 नवंबर 2019 को चार्जशीट दायर की थी।
पुलिस ने फरार चल रहे अनंत सिंह की गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया था। विधायक ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में अगस्त में सरेंडर किया था। इसके बाद पटना पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर पटना ले आई थी।
आर्म्स एक्ट की 7 धारा, भादवि की दो धारा और दो विस्फोटक अधिनियम के तहत एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट ने दोनों आरोपितों के खिलाफ आरोप गठित किया था। दोनों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने का भी आरोप गठित हुआ है।
16 अगस्त 2019 : मोकामा विधायक अनंत सिंह के पैतृक आवास लंदावा से एके-47 और 2 ग्रेनेड बरामद
16 अगस्त 2019 : बाढ़ थाने में दर्ज कराई गई थी एफआईआर
25 अगस्त 2019 : दिल्ली के साकेत कोर्ट में किया था सरेडर
5 नवंबर 2019 : पुलिस ने चार्जशीट दायर की
17 जून 2020 : एमपीएमएलए के विशेष कोर्ट में ट्रायल के लिए ट्रांसफर
15 अक्टूबर 2020 : आरोप गठित हुआ
14 जून 2022: अनंत सिंह दोषी करार