राज्य में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू होने वाली है। कोरोना संक्रमण के बावजूद राज्य सरकार में 17 से 28 जनवरी के बीच नियोजन इकाइयों के जरिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है, लेकिन इस बार शिक्षक बहाली के दौरान गड़बड़ी की शिकायतों पर ज्यादा सख्ती देखने को मिलेगी। काउंसलिंग के दौरान अगर नियोजन इकाई में किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो संबंधित जिलों के डीईओ 24 घंटे के अंदर इसकी सूचना डीएम को देकर वहां की नियोजन प्रक्रिया को ना केवल रद्द करेंगे बल्कि दोषियों पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा भी करेंगे।
अभ्यर्थियों के चयन में आरक्षण रोस्टर का पालन हर हाल में करना होगा। चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र काउंसिलिंग के अगले दिन ही एनआईसी वेब पोर्टल पर अपलोड करना है। कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए काउंसिलिंग के लिए केंद्र बड़े परिसर वाले जगहों पर करना है। शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने नियोजन से जुड़ी गाइडलाइन जारी कर दी। आगामी 17 से 28 जनवरी तक लगभग 1368 नियोजन इकाइयों में 12495 पदों के लिए होने वाले काउंसिलिंग के लिए गाइडलाइन जारी करते हुए सभी डीएम को पत्र भेजा गया है।
इस पत्र में कहा गया है कि काउंसिलिंग केंद्रों का सेनेटाइजेशन, आवश्यकता आधारित मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति, थर्मल स्कैनिंग, सेनेटाइजर और मास्क की व्यवस्था और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना है। कोरोना को देखते हुए डीईओ काउंसलिंग केंद्रों की संख्या का निर्धारण डीएम की सहमति से करेंगे और इसकी सूचना एनआईसी की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी। केंद्र के चयन में बड़े परिसर वाले और अत्यधिक कमरे वाले भवन को चुना जाए। काउंसिलिंग के लिए निर्धारित केंद्र पर अभ्यर्थी, नियोजन इकाई से संबंधित सभी प्रतिनिधि और प्रतिनियुक्त कर्मी के अलावा बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक रहेगी। नियोजन इकाई द्वारा वरीयता के अनुसार 10-10 अभ्यर्थी को क्रमवार नाम से पुकारा जाएगा।