भागलपुर जिले के पीरपैंती के बाखरपुर थाना क्षेत्र से पांच दिसंबर 2020 को दर्ज छात्रा के अपहरण, पाक्सो और अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न एक्ट से जुड़े एक केस में सूबे के डीजीपी की सख्ती बाद अब भागलपुर पुलिस की नींद टूटी है। डीजीपी एसके सिंघल ने मामले में संज्ञान लेते हुए एसएसपी, भागलपुर को उक्त छात्रा की बरामदगी के लिए न सिर्फ सख्त निर्देश दिया है बल्कि पीड़िता को प्रस्तुत करने संबंधी न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चत कराते हुए कहा है कि उन्हें भी अनुपालन की कार्रवाई से अवगत कराएं। इस केस में आरोपित जेल में बंद है, जबकि पीड़िता अबतक रहस्यमय तरीके से गायब है। मां-पिता ने न्यायालय में शपथ पत्र दे चुके हैं कि उनकी बच्ची अबतक उन्हें नहीं मिली। मामले में पूर्व में विशेष पाक्सो न्यायाधीश लवकुश कुमार ने संज्ञान लेते हुए स्थानीय आला पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में लिखा था। लेकिन पीड़िता की प्रस्तुति न्यायालय में नहीं कराई जा सकी तो विशेष न्यायाधीश ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा था। मामले में उच्च न्यायालय ने यथाशीघ्र निष्पादन का दिशा-निर्देश दे रखा है।
एक दिसंबर 2020 को छात्रा का अपहरण कर लिया गया था। पिता की अर्जी पर बाखरपुर पुलिस ने टालू रवैया अपनाते हुए पांच दिसंबर को केस दर्ज किया था। फिर पीड़िता की खोजबीन में जरा भी सुध नहीं ली। आरोपित चंदन कुमार की भी खोज-खबर नहीं ली। तत्कालीन एसएसपी की जब सख्ती बढ़ी तो आरोपित चंदन कुमार ने 18 मार्च 2021 को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उसे जेल भेज दिया। आरोपित तब से जेल में बंद है। पुलिस अबतक पीड़िता को बरामद नहीं कर सकी। इस केस में पीड़िता का बयान नहीं हो सका है ना ही आरोपित का बयान। आरोपित की जमानत अर्जी निचली अदालत से उच्च न्यायालय तक खारिज हो चुकी है। उच्च न्यायालय ने माना कि केस साक्ष्य के लिए लंबित है इसलिए उसे जमानत नहीं दी जा सकती।
पीड़ित छात्रा के मां-पिता ने न्यायालय में शपथ पत्र दे चुके हैं कि उनकी बच्ची अबतक उन्हें नहीं मिली। मामले में पूर्व में विशेष न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा था। जिसपर डीजीपी ने संज्ञान लिया। एसएसपी बाबू राम ने पीड़िता की बरामदगी के लिए एक टीम गठित कर दी है। एसएसपी ने विशेष पाक्सो न्यायालय को भी पुलिस मुख्यालय, पटना की तरफ से संज्ञान लेने और पीड़िता की बरामदगी संबंधी दिशा-निर्देश की विधिवत जानकारी दे दी है।