बिहार ने केन्द्र सरकार से बाढ़ नियंत्रण से संबंधित 6650.33 करोड़ की योजनाओं को मंजूरी देने का अनुरोध किया है। इस संबंध में बुधवार को जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर उन्हें मांगपत्र सौंपा।
इस दौरान जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद एवं जल संसाधन संबंधी स्थाई संसदीय समिति के सदस्य संजय कुमार झा भी मौजूद रहे। चौधरी ने वित्त मंत्री को सौंपे पत्र में कहा है कि 2024-25 के बजट भाषण में कहा गया था कि बाढ़ नियंत्रण एवं सिंचाई हेतु त्वरित लाभ सिंचाई योजना (एआईबीपी) एवं अन्य संसाधनों से बाढ़ प्रबंधन, बराज निर्माण एवं अन्य सिंचाई परियोजनाओं के लिए केन्द्र सरकार बिहार को 11 हजार 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देगी। इसी आधार पर उन्होंने प्रथम चरण में बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कुल 6650.33 करोड़ की प्रस्तावित योजनाओं की अविलम्ब स्वीकृति के लिए संबंधित प्राधिकार को आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया, ताकि ससमय इन योजनाओं का कार्यान्वयन किया जा सके। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि 27 से 30 सितंबर 2024 के बीच पूरे नेपाल में अभूतपूर्व वर्षापात के कारण वहां से आने वाली सभी नदियों यथा गंडक, बागमती, कोशी, महानंदा आदि के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। इस दौरान उच्चतम जलस्तर के सारे रिकॉर्ड टूट गए। कोसी एवं गंडक में तो अनेक स्थानों पर लंबी दूरी में तटबंधों के ऊपर से बाढ़ का पानी बह गया। मंत्री ने कहा कि पहली बार यह अनुभव हुआ कि इन नदियों पर पूर्व से निर्मित तटबंध प्रणाली अब पूरी तरह सुरक्षित नहीं रह गई है। बाढ़ अवधि में जल का फैलाव अधिक होता है। आने वाले समय में इस स्थिति के और भी बदतर होने की आशंका है। पत्र में कहा है कि राज्य की आबादी तथा जानमाल को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए पूर्व से निर्मित प्रमुख तटबंधों को प्राथमिकता के आधार पर उच्चीकरण, चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण अति आवश्यक है। इस क्रम में रीवर मैनेजमेंट इन बॉर्डर एरिया के तहत कुल 2147.58 करोड़ की तथा बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के तहत कुल 4502.75 करोड़ रुपये की योजनाओं की डीपीआर जल शक्ति मंत्रालय में समर्पित की जा चुकी हैं।