बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद पहली बार श्रावणी मेले का आयोजन किया जा रहा है. इसे लेकर राज्य के तीन जिलों बांका, भागलपुर व मुंगेर में व्यापक चिकित्सीय प्रबंधन किए जा रहे है, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की चिकित्सीय कमी न हो और उन्हें सहूलित प्रदान किया जाए. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दो सालों के अंतराल पर हो रहे श्रावणी मेले में बड़ी तायदाद में श्रद्धालुओं के उमड़ने का अनुमान है. इसे देखते हुए बिहार सरकार ने सुल्‍तानगंज से लेकर प्रदेश के अधिकतर क्षेत्र में आने वाले कांवरिया पथों पर व्‍यापक पैमाने पर तैयारी की है।

मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां कावरियां पथ में जगह-जगह शिविर लगाए जा रहे हैं, वहीं श्रद्धालुओं की सेवा के लिए चिकित्सकों, नर्सों और पारा मेडिकल स्टाफ्स की पूरे श्रावणी मेला तक प्रतिनियुक्ति की गई है. उन्होंने कहा कि बांका में 24 स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं. दो बेड वाले कमरों की संख्या भी 24 हैं. यहां 42 चिकित्सक तैनात रहेंगे. पारा मेडिकल या एएनएम की संख्या 164 होगी. खाद्य निरीक्षक व औषधि निरीक्षक 1-1 होंगे. अल्सा एंबुलेंस (एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस) 8, बल्सा एंबुलेंस (बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस) 26 के अलावे 58 प्रकार की सामान्य दवाएं और 16 प्रकार की इमरजेंसी दवाएं उपलब्ध रहेंगी।

साथ ही 24 प्रतिरक्षण एवं 24 शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है. वहीं भागलपुर में 11 शिविर बनाए जा रहे हैं. दो बेड वाले कमरों की संख्या 11 होंगे. यहां 33 चिकित्सकों की तैनाती रहेगी. पारा मेडिकल या एएनएम 51 होंगी. 3 खाद्य निरीक्षक व 1 औषधि निरीक्षक होंगे. अल्सा एंबुलेंस 9 व बल्सा एंबुलेंस 9 रखे जाएंगे. 58 सामान्य व 16 इमरजेंसी दवाएं उपलब्ध रहेंगी. वहीं 11 प्रतिरक्षण व 11 शौचालय बनाए जा रहे हैं. मुंगेर में शिविरों की संख्या 13 है. दो बेड वाले कमरों की संख्या भी 13 होंगे. यहां 40 चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी. पारा मेडिकल या एएनएम मिलाकर 80 स्टाफ की तैनाती की जा रही है. यहां 1 खाद्य निरीक्षक व 1 औषधि निरीक्षक तैनात किए जाएंगे. यहां बल्सा एंबुलेंस की संख्या 5 होगी. 58 प्रकार की समान्य दवाएं एवं 16 प्रकार की इमरजेंसी दवाओं की उपलब्धता रहेगी. 13 प्रतिरक्षण एवं 13 शाौचालय बनाए जाएंगे।

मंगल पांडेय ने कहा कि श्रावणी मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. यहां प्रतिनियुक्त चिकित्सक, पारा मेडिकल, एएनएम व अन्य कर्मियों को बारिश की संभावना के मद्देनजर रेनकोट भी दिए जाएंगे. इन सभी कर्मियों व पदाधिकारियों की ड्यूटी सातों दिन 24 घंटे रहेंगे. बेहतर कार्य करने वाले स्वास्थ्य​कर्मियों को स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा. श्रद्धालुओं को जरूरत पड़ने पर दवाओं व एंबुलेंस से लेकर चिकित्सकों की कमी न हो, इसे लेकर पूरी व्यवस्था की गयी है. तीन जिलों में व्यापक व्यवस्था की जा रही है. जहां श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होती है. कोरोना को लेकर भी सतर्कता बरती जा रही है. मेले के दौरान कोरोना प्रोटोकाल का भी पालन किया जाएगा. मुख्यालय स्तर से सभी कार्य निदेशक प्रमुख की निगरानी में संपन्न होंगे।

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