ग्रामीण विकास को गति देने और गांवों को मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। ग्रामीण कार्य विभाग ने 6938 नई सड़कों के निर्माण का निर्णय लिया है, जिसकी कुल लंबाई 12,105 किलोमीटर होगी। इस परियोजना पर कुल 8716 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह योजना मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत लागू की जाएगी, जिसका शुभारंभ सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने आवास से वर्चुअल माध्यम से करेंगे।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को मजबूत बनाना, उनका पुनर्निर्माण करना और समय-समय पर आवश्यक उन्नयन सुनिश्चित करना है। विभाग की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, ग्रामीण सड़कों की स्थिति में सुधार लाना, आवागमन को सुगम बनाना और गांवों को बेहतर संपर्क सुविधा देना इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं। खासकर उन इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहां बरसात या अन्य मौसमी प्रभावों के कारण सड़कों की स्थिति खराब हो जाती है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना राज्य सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका लक्ष्य सिर्फ सड़कों का निर्माण ही नहीं बल्कि उनके दीर्घकालिक रखरखाव और मजबूती पर भी ध्यान देना है। इस योजना के तहत बनने वाली सड़कों में गुणवत्तापूर्ण निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जाएगा और निर्माण कार्य को आधुनिक तकनीक के माध्यम से अंजाम दिया जाएगा।
इस योजना से न सिर्फ ग्रामीण जनता को लाभ मिलेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। निर्माण कार्य में स्थानीय ठेकेदारों और श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। इसके साथ ही, बेहतर सड़क नेटवर्क के माध्यम से किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक आसानी से पहुंचाने में मदद मिलेगी और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुगम होगी।
विभाग का मानना है कि बेहतर सड़कों से गांवों का समग्र विकास संभव है। इसके लिए सड़कों की गुणवत्ता के साथ-साथ समय पर मरम्मत और निगरानी की भी योजना बनाई गई है। विभागीय अधिकारी नियमित रूप से निर्माण कार्य की निगरानी करेंगे ताकि भ्रष्टाचार या लापरवाही को रोका जा सके।
कुल मिलाकर, यह योजना राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की रफ्तार को नई दिशा देगी। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शुरू की जा रही यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम है जो आने वाले वर्षों में ग्रामीण बिहार की तस्वीर बदल सकती है।
