भागलपुर। टीएनबी कालेज में सेवा से हटाए गए 14 कर्मियों को गुरुवार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने टीएमबीयू प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि जो कर्मी सेवानिवृत्त नहीं हुए हैं, उन्हें शुक्रवार तक संबंधित स्थान पर योगदान दिलाएं। इसके अलावा अब तक जिनका बकाया वेतन या सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन सहित अन्य लाभ देने का आदेश दिया है। विश्वविद्यालय को इसके लिए एक माह का समय दिया गया है।

टीएनबी कालेज मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है। कुलसचिव डा. गिरिजेश नंदन ने कहा कि सुनवाई के दौरान कुलपति प्रो. जवाहर लाल और उच्च शिक्षा निदेशक भी उपस्थित थे। उनके अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार झा ने बताया कि कोर्ट ने शिक्षा विभाग के तत्कालीन विशेष सचिव एचएन श्रीनिवासन के 2014 में जारी निर्देश को रद कर दिया है, जिसमें कर्मियों की सेवा को अवैध बताया गया था।

इन कर्मियों को हटाया गया था

अमरेन्द्र कुमार झा, कुमार आशुतोष राजेश, जेए मिर्जा, जौमुल आबेदीन, श्यामसुंदर मिश्र, पंकज कुमार झा, एनएम नईम, ब्रजमोहन सिंह शांडिल्य, कार्तिकचंद्र चक्रवर्ती, गंगाधर चौधरी, विभाषचंद्र झा, कौशलेन्द्र प्रसाद सिंह, शशि प्रसाद सिंह, इंद्रकांत झा को हटाया गया था।

एचएन श्रीनिवासन के टिप्पणी को आधार मानकर ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने सितंबर 2019 से काम और वेतन से रोक दिया। अब इन कर्मियों की कोर्ट के आदेश के बाद तीन साल बाद वापसी होगी। 14 कर्मियों में 11 कर्मी अभी सेवा में रहेंगे। तीन कर्मी सेवानिवृत्त हो गए हैं, जिनमें से एक कर्मी का निधन हो चुका है। इस मामले में कई बार विश्वविद्यालय स्तर से कमेटी बनी थी, जिसमें हटाए जाने वाले निर्देश को गलत प्रक्रिया बताया गया था। बावजूद कोई भी इस मामले में स्पष्ट निर्देश नहीं दे रहे थे।

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