झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है। नक्सल विरोधी अभियान के दौरान पिछले कुछ दिनों में पुलिस को कई कामयाबियां मिलीं हालांकि इसी बीच एक बड़ी नाकामी भी हाथ लग गई है। पश्चिमी सिंहभूम में चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों के आने की भनक लगते ही एक करोड़ का इनामी नक्सली मिसिर बेसरा अपनी टीम के साथ भाग निकला। 

दरअसल, पश्चिमी सिंहभूम जिला पुलिस एवं सुरक्षा बलों को अंबिया गांव के जंगलों में इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने रविवार को गोइलकेरा- मनोहरपुर सीमा क्षेत्र के अंबिया गांव के जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। पहाड़ी पर बनाये गये नक्सलियों के 8 कैंप को को पुलिस और सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया और मौके से नक्सलियों के कई सामानों को भी बरामद किया।

जिला पुलिस, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ ने भाकपा माओवादी के नेता मिसिर बेसरा और उसके दस्ते को पकड़ने के लिए जंगल में जाल तो बिछाया लेकिन जैसे ही नक्सलियों को इस बात की भनक लगी वे मौके से फरार हो गए। जानकारी के मुताबिक, इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के इस टीम में अमित मुंडा, अजय महतो, अनमोल, मोछू, चमन, कांडे, सागेन अंगरिया और अश्विन सहित करीब 30- 35 नक्सली मौजूद थे।

पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ जिला पुलिस और सुरक्षबलों की तरफ से 11 जनवरी से लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस दौरान जंगल में पहाड़ी पर नक्सली दस्ता द्वारा बनाये गये मोर्चा समेत अन्य सामानों को बरामद किया गया। नक्सली दस्ते ने पेड़ों की सूखी पत्तियों के सहारे मोर्चा का निर्माण किया था। सभी को नष्ट किया गया है। फिलहाल पुलिस टीम और सुरक्षा बल फरार हुए नक्सलियों का पीछा कर रहे हैं। 

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