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भोजपुरी सिनेमा की सुपरस्टार और चर्चित गायिका-अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने मंगलवार को बिहार के बेगूसराय जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उन पर धोखाधड़ी के एक मामले में केस दर्ज था, जिसमें कोर्ट ने उन्हें 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अक्षरा सिंह कोर्ट परिसर से निकल गईं, लेकिन इस दौरान उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।

कोर्ट में सरेंडर के दौरान गहमा-गहमी

जैसे ही अक्षरा सिंह बेगूसराय कोर्ट परिसर में पहुंचीं, वहां गहमा-गहमी का माहौल बन गया। भोजपुरी इंडस्ट्री की इस स्टार को देखने के लिए उनके प्रशंसकों की भीड़ कोर्ट परिसर में जुट गई। भीड़ और मीडिया की नजरों से बचते हुए अक्षरा सिंह न्यायिक दंडाधिकारी ओम प्रकाश की अदालत में पेश हुईं और सरेंडर कर दिया। इसके बाद अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। इस मामले में अक्षरा सिंह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी भी दी थी, जिसे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम ने स्वीकार कर लिया।

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मामला क्या है?

यह मामला 24 अक्टूबर 2023 का है, जब समस्तीपुर जिले के सिंधिया गांव में एक म्यूजिकल प्रोग्राम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में अक्षरा सिंह को बुलाया गया था और इसके लिए आयोजक शिवेश मिश्रा ने उन्हें पांच लाख रुपये की अग्रिम राशि दी थी। आरोप है कि रात के 12 बजे अक्षरा सिंह मंच पर आईं और सिर्फ आधे घंटे तक ही कार्यक्रम किया। इसके बाद कुछ उत्साहित दर्शकों ने उन पर रुपये लुटाने शुरू कर दिए। इस स्थिति से नाराज होकर अक्षरा सिंह मंच छोड़कर श्रृंगार रूम में चली गईं और बार-बार आग्रह करने के बावजूद वह दोबारा मंच पर नहीं लौटीं। इसके बाद उन्होंने बुकिंग की राशि भी आयोजकों को वापस नहीं लौटाई।

आयोजक शिवेश मिश्रा ने इस घटना के बाद अक्षरा सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि अक्षरा सिंह ने पैसे लेने के बाद कार्यक्रम पूरा नहीं किया, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ। इस मामले में जब कोर्ट ने समन भेजा, तब अक्षरा सिंह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई और फिर मंगलवार को सरेंडर किया।

कार्यक्रम में अव्यवस्था और रुपये लुटाए जाने की घटना

कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्था ठीक नहीं थी। कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों ने उत्साहित होकर अक्षरा सिंह पर रुपये लुटाने शुरू कर दिए थे, जिससे हंगामा जैसी स्थिति बन गई। इस दौरान मंच पर अव्यवस्था बढ़ गई और सुरक्षा घेरा टूट गया। इस अव्यवस्था से नाराज होकर अक्षरा सिंह ने मंच छोड़ दिया और कार्यक्रम पूरा नहीं हो सका। इसके अलावा, आरोप है कि अभिनेत्री ने गुस्से में माइक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिससे आयोजकों को और नुकसान हुआ।

परिवार और करियर से जुड़ी पृष्ठभूमि

32 वर्षीय अक्षरा सिंह भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री हैं। उन्होंने कई हिट फिल्मों में अभिनय किया है और उनके गाने यूट्यूब पर भी करोड़ों बार देखे जा चुके हैं। अभिनय के साथ-साथ अक्षरा सिंह गायिकी में भी सक्रिय रहती हैं और उनके म्यूजिक एल्बम भी काफी लोकप्रिय होते हैं। अक्षरा सिंह का जन्म पटना में हुआ और उनके माता-पिता नीलिमा सिंह और बिपिन सिंह भी भोजपुरी सिनेमा में सक्रिय कलाकार रहे हैं। अक्षरा सिंह ने कई टेलीविजन शोज में भी काम किया है और वह बिग बॉस ओटीटी में भी नजर आ चुकी हैं।

निजी जीवन और राजनीतिक कनेक्शन

अक्षरा सिंह अपने निजी जीवन और विवादों के कारण भी सुर्खियों में रहती हैं। कुछ वर्षों पहले उनका नाम भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह के साथ जुड़ा, लेकिन बाद में दोनों के बीच मतभेद की खबरें आईं और उनके रिश्ते को लेकर विवाद भी सामने आया। इसके अलावा, अक्षरा सिंह ने एक समय जन सुराज पार्टी की सदस्यता भी ली थी। बाद में वह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ मंच और चुनावी रैलियों में दिखाई देती रहीं, जिससे उनके राजनीतिक कनेक्शन की भी चर्चा होती रही है।

कोर्ट में पिता की अनुपस्थिति

कोर्ट में अक्षरा सिंह के साथ उनके वकील सीमा भी मौजूद थीं। कोर्ट में उनके पिता बिपिन सिंह को भी पेश होना था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। अक्षरा सिंह ने कोर्ट में बंध पत्र दाखिल किया, जिसके बाद उन्हें तुरंत बेल पर रिहा कर दिया गया।

फैंस में मिला-जुला रिएक्शन

अक्षरा सिंह के आत्मसमर्पण की खबर पर उनके फैंस में मिला-जुला रिएक्शन देखने को मिला। कुछ फैंस ने सोशल मीडिया पर उनका समर्थन करते हुए लिखा कि कार्यक्रम में अव्यवस्था होने पर कलाकार का सुरक्षा छोड़ना स्वाभाविक था। वहीं, कुछ लोगों ने इसे फैंस के साथ धोखा बताया और कहा कि कार्यक्रम पूरा करना उनकी जिम्मेदारी थी। सोशल मीडिया पर अक्षरा सिंह की कोर्ट में पेशी की तस्वीरें तेजी से वायरल हो गई हैं।

भोजपुरी इंडस्ट्री पर प्रभाव

अक्षरा सिंह भोजपुरी सिनेमा में एक सशक्त महिला कलाकार के रूप में देखी जाती हैं। उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला इंडस्ट्री में कलाकारों और आयोजकों के बीच समझौतों को लेकर नए सवाल खड़े करता है। कलाकारों की सुरक्षा, आयोजकों की जिम्मेदारी और अनुबंध में पारदर्शिता को लेकर यह मामला उदाहरण बन सकता है। अक्सर छोटे आयोजनों में भीड़ नियंत्रण की समस्या होती है, जिससे कलाकार असहज महसूस करते हैं। ऐसे मामलों में आयोजकों और कलाकारों के बीच आपसी संवाद और सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है।

निष्कर्ष

भोजपुरी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने मंगलवार को बेगूसराय कोर्ट में सरेंडर कर दिया और उन्हें 10 हजार के निजी मुचलके पर बेल दे दी गई। यह मामला उनके करियर में एक नए विवाद के रूप में सामने आया है, लेकिन यह भोजपुरी इंडस्ट्री में अनुशासन और पारदर्शिता की जरूरत को भी रेखांकित करता है। आने वाले समय में देखना होगा कि अक्षरा सिंह इस मामले से किस तरह उभरती हैं और क्या यह घटना उनके करियर और उनकी लोकप्रियता पर कोई असर डालती है या नहीं।

 

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