भागलपुर जिले के कजरैली थाना क्षेत्र से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पुलिस व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में कथित तौर पर कजरैली थाना के निजी चालक मिथलेश कुमार को अवैध बालू लदे जुगाड़ गाड़ी के चालक से खुलेआम पैसे लेते हुए देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो हाल के दिनों का है, जिसमें कजरैली थाना के दो सिपाही – राजेंद्र कुमार और एक अन्य जवान – गश्ती गाड़ी के पास खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं, उनके सामने ही निजी चालक द्वारा कथित रूप से वसूली की जा रही है।

 

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जिस समय यह लेनदेन हो रहा है, उस वक्त पुलिस गश्ती वाहन बिल्कुल पास में खड़ा है, लेकिन मौके पर मौजूद सिपाही कोई हस्तक्षेप नहीं करते। इस दृश्य ने यह संकेत दिया है कि या तो यह कार्यवाही पुलिस की जानकारी में हो रही थी या फिर नजरअंदाज किया जा रहा था। घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब खुद पुलिसकर्मी या उनके सहयोगी अवैध वसूली में शामिल पाए जा रहे हैं, तो आम जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?

 

सूत्रों के अनुसार, कजरैली थाना क्षेत्र में लंबे समय से अवैध बालू परिवहन का धंधा चल रहा है। कई बार जिला प्रशासन की ओर से छापेमारी भी की गई, लेकिन यह गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा। अब जब इस तरह का वीडियो सामने आया है, तो पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया है।

 

पुलिस मुख्यालय से लेकर जिला स्तर तक लगातार यह दावा किया जा रहा है कि अवैध वसूली और बालू खनन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। कजरैली थाना का यह मामला इस बात का ताजा उदाहरण है कि किस तरह थाना स्तर पर अवैध वसूली अब भी जारी है।

 

फिलहाल, इस वायरल वीडियो की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है। जिला पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि वीडियो की जांच कराई जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो संबंधित कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, थाना प्रभारी से भी पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है।

 

हालांकि, यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि इस वायरल वीडियो की हमारे चैनल द्वारा स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या पुलिस विभाग के अंदर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना अब भी मुश्किल चुनौती बना हुआ है। जनता अब जिला प्रशासन से पारदर्शी और ठोस कार्रवाई की अपेक्षा कर रही है ताकि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

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