भागलपुर में दुर्गा पूजा का समापन इस बार बेहद खास नज़ारे के साथ हो रहा है। लगातार तीन दिनों से हो रही तेज बारिश ने जहां आम जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन में भी कठिनाई खड़ी कर दी है। लेकिन इन मुश्किल हालातों के बावजूद श्रद्धालुओं के जोश और आस्था में कोई कमी नहीं देखी जा रही।

 

शहर के विभिन्न इलाकों से पूजा समितियों की प्रतिमाएं विसर्जन यात्रा के लिए निकाली जा रही हैं। तेज बारिश के बावजूद भक्तगण मां दुर्गा को डीजे की धुन और ढोल-नगाड़ों के बीच विदाई देने में जुटे हैं। जगह-जगह पानी भरा होने के बावजूद लोग छाता और बरसाती पहनकर जुलूस में शामिल हो रहे हैं। कई जगहों पर बच्चे बारिश में भीगते हुए मां दुर्गा की जयकारे लगाते दिखे।

 

पूजा समितियों के आयोजकों ने भी मौसम को देखते हुए विशेष इंतज़ाम किए हैं। बड़ी-बड़ी प्रतिमाओं को प्लास्टिक और कपड़े से ढककर सुरक्षित ढंग से ट्रक और ट्रैक्टर पर रखकर विसर्जन स्थल तक ले जाया जा रहा है। वहीं, साउंड सिस्टम और डीजे की तेज धुन पर महिलाएं, युवा और बच्चे झूमते-नाचते मां की विदाई कर रहे हैं।

 

शहर के विभिन्न मार्गों पर भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। लोग “माता की जय” और “अगले बरस तू जल्दी आ” के नारों के साथ वातावरण को भक्तिमय बना रहे हैं। बारिश के बावजूद जगह-जगह श्रद्धालुओं के चेहरे पर उत्साह और उल्लास झलकता दिख रहा है।

 

विसर्जन यात्रा के दौरान पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है ताकि जुलूस सुचारू रूप से गुजर सके। ट्रैफिक पुलिस भी लगातार तैनात रही ताकि बारिश और भीड़ के बीच किसी तरह की अव्यवस्था न हो।

 

भागलपुर के गंगा घाटों और तालाबों पर श्रद्धालु मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर रहे हैं। विसर्जन के समय भक्तजन भावुक भी हो रहे हैं। कई जगह महिलाएं आंखों में आंसू लिए मां दुर्गा को विदाई दे रही थीं। साथ ही सभी ने यह कामना की कि अगले बरस मां दुर्गा और धूमधाम के साथ आएं।

 

हालांकि बारिश ने वातावरण को ठंडा कर दिया है, लेकिन श्रद्धालुओं के उत्साह ने पूरे माहौल को गर्मजोशी से भर दिया। यह साफ दिखाई दे रहा है कि भागलपुर में दुर्गा पूजा सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं बल्कि पूरे समाज का सामूहिक उत्सव है।

 

कुल मिलाकर, बारिश ने कठिनाई तो बढ़ाई, लेकिन भागलपुर के श्रद्धालुओं की आस्था और उमंग ने हर मुश्किल को मात दे दी। मां दुर्गा को विदाई देते समय जिस तरह का उल्लास और ऊर्जा देखने को मिला, वह इस बात का प्रमाण है कि भक्तों के लिए यह सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा एक बड़ा पर्व है।

 

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