भागलपुर जिले में एक बार फिर दहेज उत्पीड़न का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। नवविवाहिता सीता कुमारी, पत्नी नवनीत कुमार, ने लंबी इलाज प्रक्रिया के बाद दम तोड़ दिया। मृतका का ससुराल अकबरनगर थाना क्षेत्र के श्रीरामपुर में था, जबकि उसका मायका नारायणपुर थाना, बिहपुर क्षेत्र में है। जुलाई 2024 में हुई शादी के महज तीन से चार महीने बाद ही उसके खिलाफ दहेज को लेकर प्रताड़ना शुरू हो गई थी।

 

मृतका के परिवार का आरोप है कि ससुराल पक्ष लगातार चार चक्का वाहन की मांग कर रहा था। मृतका के भाई-बहन और माता–पिता ने बताया कि ससुराल वालों ने साफ शब्दों में कहा था—“गाड़ी दो, नहीं तो अपनी बेटी को अपने घर ले जाओ।” सीता का परिवार खेती-बाड़ी कर जीवन यापन करता है, इसके बावजूद उन्होंने कई बार सुलह का प्रयास किया और आश्वासन दिया कि जैसे ही व्यवस्था होगी, वाहन दिया जाएगा। लेकिन इसके बाद भी ससुराल पक्ष की प्रताड़ना बंद नहीं हुई।

 

परिजनों के अनुसार, 3 नवंबर की रात करीब 8 बजे उन्हें सूचना मिली कि सीता कुमारी को गंभीर हालत में सीएम अस्पताल, भागलपुर में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलते ही मायके वाले तुरंत अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार शुरू किया, लेकिन हालत में सुधार न होने पर सीता को आर्मी हॉस्पिटल, कोलकाता रेफर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि कोलकाता में भी ससुराल पक्ष ने इलाज में सहयोग नहीं किया बल्कि कहा—“पैसे की व्यवस्था करो, नहीं तो अपनी बहन को घर ले जाओ।”

 

इसके बाद ससुराल वालों ने सीता को वापस भागलपुर के मायागंज अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां कई दिनों के इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम से पहले डॉक्टरों की प्रारंभिक रिपोर्ट में गले में फांसी के निशान और जहर देने (पॉइजनिंग) की आशंका जताई गई है, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है।

 

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि सीता की मौत के बाद उसका पति नवनीत कुमार सहित ससुराल पक्ष का कोई सदस्य अस्पताल में मौजूद नहीं था। सभी लोग फरार बताए जा रहे हैं। परिजनों का गुस्सा चरम पर है। उनका कहना है कि यह सामान्य मौत नहीं बल्कि दहेज की लालच में की गई निर्मम हत्या है।

 

मृतका के परिजन प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि पति, सास-ससुर और अन्य संबंधित ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज हत्या की धारा में मामला दर्ज कर जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाए। परिवार ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

 

इधर पुलिस भी मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मेडिकल दस्तावेजों और परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई तेज की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

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