जिस मैदान में खेलते थे बच्चे,वहां पार्किंग और मकान बनाने के रखे जाते हैं सामान

भागलपुर समेत पूरे बिहार के गौरव में शामिल टीएनबी कॉलेजिएट अब अपना अस्तित्व खोते जा रहा है। इसके मैदान पर दबंगों का कब्जा है। पास में खुले एक होटल के सारे गाड़ियों की पार्किंग टीएनबी कॉलेजिएट के मैदान में होती है। इससे छात्रों के बौद्धिक विकास पर असर पड़ रहा है। उन्हें खेलकूद में परेशानी हो रही है। पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन बेबस बना हुआ है और दबंगों के आगे स्कूल के प्रधानाध्यापक समेत पूरे शिक्षा विभाग की सिट्टी-पिट्टी गुम है। प्रशासनिक और पुलिस अमला टीएनबी कॉलेजिएट के मैदान पर कब्जा होते देख रहा है, लेकिन किस जगह की कार्यवाही नहीं कर रहा है। यह मैदान स्कूल के विद्यार्थियों के अलावा आसपास के दर्जनों मोहल्लों के सैकडों लोगों के लिए मॉर्निंग वॉक का जगह भी था। बात टीएनबी कॉलेजिएट गौरव की करें तो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ भागवत झा आजाद इसी स्कूल के विद्यार्थी रह चुके हैं। वही महान कवियत्री महादेवी वर्मा के पिता गोविंद प्रसाद वर्मा इस स्कूल के प्रधानाध्यापक रह चुके हैं। 1883 ईसवी में टीएनबी कॉलेजिएट की स्थापना हुई थी और यह बिहार का सबसे पुराना डिग्री स्कूल है। अपने गौरवशाली गाथा को समेटे भागलपुर का यह शिक्षा का मंदिर अब दबंगों के कब्जे में आ चुका है।एक और इस मसले पर जहां प्रधानाध्यापक ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । वहीं कॉलेजिएट मैदान में खेलने वाले खिलाड़ियों और मॉर्निंग वॉकर ने मैदान को पार्किंग जोन के रूप में होटल संचालक के द्वारा इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगाने की मांग की और बताया कि होटल संचालक की मनमानी के कारण पूरे मैदान में गंदगी का अंबार लगा रहता है जिसके कारण अब ना तो खेल हो पा रहा है और ना ही लोग वाक् ही कर नहीं पा रहे हैं ।पदाधिकारी संजय कुमार ने मैट्रिक परीक्षा के कारण व्यस्तता की बात बताते हुए 25 फरवरी के बाद इस मामले पर कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाया । अगर जल्द ही इस दिशा में पुलिस-प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया तो वह दिन दूर नहीं, जब दबंगों का कब्जा स्कूल पर भी हो जाएगा।

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