भागलपुर नगर निगम में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। नगर निगम की स्थायी समिति बोर्ड और सामान्य बोर्ड के विरोध में वार्ड संख्या–13 में एक दिवसीय सामूहिक भूख हड़ताल का आयोजन किया गया। इस भूख हड़ताल का नेतृत्व वार्ड 13 के पार्षद रंजीत मंडल ने किया, जिसमें परवर्ती समाज से जुड़े सैकड़ों लोग शामिल हुए। भूख हड़ताल के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम प्रशासन और मेयर के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया।

 

भूख हड़ताल का मुख्य कारण भागलपुर की मेयर वसुंधरा लाल दे पर वार्ड संख्या–13 की लगातार उपेक्षा का आरोप बताया गया है। पार्षद रंजीत मंडल का कहना है कि मेयर द्वारा वार्ड 13 में विकास कार्यों को लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी वे अपने स्तर से वार्ड में किसी विकास कार्य को कराने का प्रयास करते हैं, तो मेयर की ओर से उसका विरोध किया जाता है। इस कारण वार्ड में सड़क, नाला, जल निकासी और अन्य बुनियादी सुविधाओं से जुड़े विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं।

 

पार्षद रंजीत मंडल ने यह भी कहा कि उन्होंने कई बार इस मुद्दे को लेकर मेयर से बातचीत करने और समस्या से अवगत कराने की कोशिश की, लेकिन उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान मेयर ने परवर्ती क्षेत्र को अपना “मायका” बताते हुए यहां सबसे अधिक विकास कराने का वादा किया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह वादा केवल बयानबाजी तक ही सीमित रह गया है।

 

भूख हड़ताल में शामिल लोगों ने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वार्ड 13 में अविलंब विकास कार्य शुरू करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि आगे चलकर धरना-प्रदर्शन के साथ-साथ बड़े स्तर पर जनआंदोलन किया जाएगा।

 

फिलहाल एक दिवसीय सामूहिक भूख हड़ताल के जरिए लोगों ने नगर निगम और मेयर का ध्यान वार्ड 13 की समस्याओं की ओर आकर्षित करने की कोशिश की है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।

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