बिहार के सहरसा जिले से एक बार फिर सरकारी निर्माण कार्यों में अनियमितता का गंभीर मामला सामने आया है। सौर बाजार प्रखंड क्षेत्र के मधुरा गांव में स्थित एनपीएस विद्यालय के नए भवन निर्माण कार्य में भारी गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस विद्यालय भवन का निर्माण करीब 41 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा है, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता पर स्थानीय ग्रामीणों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय भवन निर्माण में घटिया गुणवत्ता की तीन नंबर ईंट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सरकारी मानकों के बिल्कुल विपरीत है। इतना ही नहीं, भवन की मजबूती के लिए की जाने वाली कुर्सी यानी फाउंडेशन की ढलाई में भी भारी लापरवाही बरती जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, जहाँ मानक के अनुसार अधिक संख्या में सरिया का प्रयोग किया जाना चाहिए था, वहाँ मात्र दो छड़ ही लगाई गई हैं। इससे भवन की मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे हैं और भविष्य में किसी बड़े हादसे की आशंका जताई जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह भवन बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में निर्माण में की जा रही अनियमितताएं बेहद चिंताजनक हैं। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने पहले भी सहरसा के जिलाधिकारी को लिखित आवेदन दिया था। आवेदन के बाद जांच टीम का गठन भी किया गया, लेकिन जांच के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
अब निराश ग्रामीणों ने नव-निर्वाचित सहरसा विधायक को भी इस मामले की लिखित शिकायत सौंपी है, जिसे डीओ (डीओ) के नाम से दिया गया है। इसके साथ ही आज जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी आवेदन देकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस बार प्रशासन और जनप्रतिनिधि मामले को गंभीरता से लेंगे और निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कर दोषी ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। फिलहाल अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या रुख अपनाता है और बच्चों की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं।
