बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच इस बार लोक आस्था का महापर्व छठ भी मनाया जा रहा है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पदाधिकारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने अक्टूबर महीने का वेतन तय समय से पहले देने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 21 अक्टूबर से ही वेतन भुगतान शुरू कर दिया गया है। यह लगातार दूसरा महीना है जब सरकार ने कर्मचारियों को समय से पहले वेतन दिया है। पिछला महीना भी दुर्गा पूजा और दशहरा के कारण अग्रिम भुगतान का रहा था।
**समय से पहले वेतन देने का निर्णय:**
आमतौर पर राज्य सरकार के कर्मचारियों को हर महीने के आखिरी दिन, यानी 30 या 31 तारीख को वेतन दिया जाता है, लेकिन छठ पर्व की तैयारी और कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस बार 21 अक्टूबर से ही भुगतान का आदेश दिया गया है। वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि छठ महापर्व को ध्यान में रखते हुए यह विशेष निर्णय लिया गया है। पत्र राज्यपाल के प्रधान सचिव, विधानसभा सचिव, विधान परिषद सचिव, पटना उच्च न्यायालय के महानिबंधक, सभी विभागाध्यक्षों, प्रमंडलीय आयुक्तों, जिला पदाधिकारियों और कोषागार अधिकारियों को भेजा गया है ताकि समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सके।
**चुनाव आयोग की अनुमति के बाद आदेश जारी:**
राज्य में फिलहाल विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू है। ऐसे में सरकार ने यह निर्णय चुनाव आयोग की अनुमति के बाद ही लिया है। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से आयोग की अनापत्ति मिलने के बाद वित्त विभाग ने यह आदेश जारी किया। इससे यह सुनिश्चित हो गया कि कोई प्रशासनिक या कानूनी बाधा इस निर्णय में न आए।
**कर्मचारियों को मिलेगी राहत:**
छठ पर्व बिहार और पूर्वी भारत के लिए सबसे बड़ा लोक आस्था का पर्व है। इस अवसर पर लाखों परिवार विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और घर लौटने वाले प्रवासी भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। ऐसे में समय से पहले वेतन मिलने से सरकारी कर्मियों को आर्थिक सुविधा मिलेगी और वे पर्व की तैयारियों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकेंगे।
**छठ पर्व की तिथियां:**
इस साल छठ महापर्व 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’, 26 को ‘खरना’, 27 को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह चार दिवसीय पर्व संपन्न होगा। सरकार के इस फैसले से छठ पर्व की खुशियों में और इजाफा हुआ है।
