भागलपुर। बिहार बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ. चक्रपाणि हिमांशु की अध्यक्षता में भागलपुर परिसदन में सभी श्रम परिवर्तन पदाधिकारी के साथ शनिवार को बैठक हुई।

बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि बाल श्रम कराना कानूनी अपराध है। कितना भी शक्तिशाली व्यक्ति क्यों ना हो, अगर बाल श्रम करवाते पकड़े गए तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

बाल श्रम अगर किसी प्रखंड एवं शहर के प्रतिष्ठान, दुकान, ईंट,-भट्ठा एवं अन्य नेता एवं पदाधिकारी के यहां होता है तो उस पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

साथ ही साथ 25000 से 50000 रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि बाल किशोर श्रम अधिनियम 1986 एवं अधिनियम 2016 में अध्तन संशोधन के आधार पर 14 वर्ष तक के बच्चों से किसी भी प्रतिष्ठान में कार्य लेने पर रोक है।

बाल श्रम को अब संक्षेप अपराध की श्रेणी में रखा गया है। 14 से 18 वर्ष तक के किशोर को खतरनाक काम पर नहीं लगाया जा सकता है।

पुनर्वास किए गए बच्चे को यदि माता-पिता या अभिभावक द्वारा फिर से काम पर रखा जाता है तो उन पर एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बैठक में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सुनील कुमार गोगरी, अशोक कुमार पांडे, दिलीप कुमार झा, मनोरंजन कुमार आदि उपस्थित थे।

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