सावन माह में महादेव की पूजा होती है. भक्त शिवालयों में जाकर महादेव को प्रसन्न करने के लिए अभिषेक करते हैं. ऐसा माना जाता है शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप, रूद्राष्टक, शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करने से भोले शंकर प्रसन्न होते हैं. ऐसी मान्यता है कि महादेव को दूध, घी,अकवन का फूल, धतूरे, बेला का फूल, हरसिंगार का पुष्प, सरसों तेल, कुसुम का फूल, आक, अलसी, शमी पत्र, ईख का रस चढ़ाने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं.
पटना: आज सावन की तीसरी सोमवारी है. इस दिन शिवभक्त बोले शंकर का जलाभिषेकर कर उनकी अराधना करते हैं. यही वजह है कि सुबह से तमाम शिवमंदिरों और शिवालयों में भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है. राजधानी पटना के बिहटा स्थित बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में भी सावन महीने की तीसरी सोमवारी पर सुबह से बाबा को जलाभिषेक को लेकर दिखी श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही है. हर हर महादेव और बोलबम के नारों से वातावरण शिवमय बना हुआ है.
बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में शिवभक्तों की भीड़: बिहटा स्थित अति प्राचीन बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में बाबा भोलेनाथ की जलाभिषेक को लेकर अहले सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी. जहां भारी संख्या में श्रद्धालु दूरदराज से आकर बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन ने अलग से बंदोबस्त किया है ताकि सभी भक्त अच्छी तरह से पूजा कर सकें.
मंदिर में बेहतरीन व्यवस्था: मंदिर प्रशासन की तरफ से पुरुष और महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था की गई थी. महिलाओं के लिए अलग से बैरिकेडिंग और प्रवेश द्वार बनाया गया है, तो वहीं पुरुष के लिए भी अलग से बैरिकेडिंग और प्रवेश द्वार बनाए गया था. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पूजा समिति के लोग भी मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर लाइन में खड़े दिख रहे है.
इस साल सावन में जबरदस्त रौनक: मंदिर के मुख्य पुजारी महंत जमुना दास बताते हैं कि कोरोना काल समाप्त होने के दो सालों के बाद इस साल सावन महीने में काफी रौनक दिख रही है. सावन महीने की तीसरी सोमवारी पर बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में काफी भीड़ देखी जा रही है और लोग भी दूरदराज से बाबा की पूजा करने सुबह से ही मंदिर पहुंच रहे हैं. दूसरी और मंदिर प्रशासन की तरफ से भी भक्तों के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है.