गंगा में पानी घटने से बाढ़ का खतरा तो टल गया है, लेकिन दलदल के कारण शहर के प्रमुख गंगा घाटों की स्थिति बदहाल है। घाटाें पर इतना दलदल है कि नहाने जाने वाले उसमें फंस रहे हैं। सीढ़ी घाट की सीढ़ियों पर मिट्टी की मोटी परत जम गई है। गंगा घाट पर कहां कितना गहरा पानी है इसका भी सही अंदाजा नहीं लग पा रहा है। ऐसे में थोड़ी सी चूक से जान को खतरा हो सकता है। रविवार काे एक वृद्ध बरारी सीढ़ी घाट पर स्नान करने के दाैरान दलदल में फंस गए थे।
वहां मौजूद स्थानीय लाेगों ने उन्हें किसी तरह धाेती पकड़ाकर बाहर निकाला था। मंगलवार काे भी उसी घाट पर कई लाेग दलदल में फंस गए। अमरपुर से आए आई एक महिला दलदल में फंस गई ताे किसी तरह उसके पति ने उसे बाहर खींचा। इसके बाद दंपती बिना गंगा स्नान के ही वापस आ गए। बरारी का एक युवक भी दलदल में फंस गया। वह किसी तरह बचकर बाहर निकला।
हालत यह है कि घाट पर गंगा नहाने जाने वालाें के मुंह से हर-हर गंगे की जगह दलदल में फंसते ही बाप-रे-बाप निकलता है। वे सामने वाले से मदद की गुहार लगाते हैं। बाहर निकलने पर राहत की सांस लेते हैं। दिक्क्त यह है कि दलदल के बावजूद निगम ने वहां अब तक चेतावनी का काेई बाेर्ड नहीं लगाया है।
बरारी में सीढ़ी से नीचे गई गंगा, कहीं नहाने काे नहीं मिल रही जगह
हालत यह है कि शहर में नाथनगर से लेकर सबाैर तक छाेटे-बड़े मिलाकर कुल 50 घाट हैं, पर अभी नहाने लायक एक भी घाट नहीं है। सामान्य दिनाें में ही बरारी पुल घाट और बरारी सीढ़ी घाट पर लाेग स्नान करने के लिए जाते हैं। अभी बरारी पुल घाट के पास बनी सीढ़ी के आधे हिस्से काे ताेड़कर रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है। सीढ़ी के बचे हुए हिस्से से भी गंगा दूर चली गयी है। बरारी सीढ़ी घाट के पास भी यही स्थिति है।
अभी दाेनाें घाटाें पर काफी दलदल है। काेई काेई अकेला नहाने चले आए और दलदल में फंस जाए ताे उसकी जान पर बन अाएगी। शहर के अन्य घाटाें की स्थिति इससे भी ज्यादा खराब है। सबाैर के घाटाें पर डूबने से हर साल लाेगाें की जान जाती है। वे घाट खतरनाक घाेषित हैं।
अंत्येष्टि के बाद पुल घाट पर नहाने जाते हैं लाेग
बरारी श्मशान घाट पर हर दिन 15 से 20 शवाें का अंतिम संस्कार हाेता है। भागलपुर के अलावा आसपास के जिलाें से भी लोग यहां अंतिम संस्कार के लिए पहुंचते हैं। अंतिम संस्कार के बाद लाेग गंगा स्नान के लिए पुल घाट जाते हैं। लेकिन दलदल के कारण सहमे रहते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी रात में स्नान करने वालाें काे हाेती है। उस समय हादसे का ज्यादा डर रहता है।
इस साल अब तक 38 लोगों की गंगा में डूबने से हुई मौत
जिले में आए दिन गंगा में डूबने की घटना सामने आ रही है। इस वर्ष अब तक सुल्तानगंज, नाथनगर, सबाैर व शहरी क्षेत्र काे मिलाकर करीब 38 लाेगाें की माैत गंगा में स्नान के दाैरान डूबने से हुई है। इसमें सबसे ज्यादा सुल्तानगंज में 20, नाथनगर में आठ, शहरी इलाके में छह व सबाैर में चार की माैत हुई है। इसी तरह जिले के अन्य प्रखंडाें में भी डूबने से लाेगाें की माैतें हाे चुकी है।
घाटों पर लगाएंगे बैनर
गंगा घाटाें पर दलदल वाली जगहाें पर सूचना के लिए बैनर लगाएंगे। बरारी में एक घाट पर रिवर फ्रंट बन रहा है। सीढ़ी घाट पर स्नान के लिए एडवाइजरी जारी करेंगे। घाटाें की सफाई भी हाेगी। -याेगेश सागर, नगर आयुक्त
