भागलपुर में सहारा इंडिया की 100 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। इस जमीन पर फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एक केस दर्ज कराया गया है। सहारा इंडिया की ओर से नियुक्त को-ऑर्डिनेटर द्वारा जोगसर थाना क्षेत्र में दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है। मामला सहारा इंडिया के चंद्रा रियल एस्टेट कंपनी से जुड़ा है।

आरोप है कि इन दो व्यक्तियों ने सहारा इंडिया की जमीन को अपना बताकर किसी और के नाम पर रजिस्ट्री करवाने की कोशिश की। जब सहारा के को-ऑर्डिनेटर को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने तत्काल संबंधित थाने में तहरीर देकर न्याय की मांग की

मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में सहारा इंडिया ने रेलवे कॉलोनी स्थित जमीन को रजिस्ट्री कराकर अपने नाम करवाया था। जमीन की कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है। लेकिन बाद में पाया गया कि यह जमीन सहारा इंडिया की जरूरतों के अनुसार नहीं थी। इसके चलते जमीन को लेकर सहारा ग्रुप ने अपना निर्माण कार्य रोक दिया था।

इस बीच सहारा के को-ऑर्डिनेटर को सूचना मिली कि उसी जमीन को लेकर कुछ लोग धोखाधड़ी कर रहे हैं और उसे किसी और के नाम करने की तैयारी में हैं। इस आधार पर सहारा के प्रतिनिधि ने जोगसर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।

**साजिश का पर्दाफाश**

जांच में यह बात सामने आई कि बंगाल के एक व्यक्ति ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर रजिस्ट्री ऑफिस में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए। इसमें बोरेज रिपोर्ट, लोकल रिपोर्ट और अन्य निर्माण से संबंधित कागजात भी शामिल थे, ताकि निर्माण कार्य के लिए एनओसी मिल सके। साथ ही, उन्होंने निर्माण वर्ष 2025 का उल्लेख किया, जबकि सहारा इंडिया द्वारा अभी तक कोई निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हुआ है।

इन सब बातों को देखते हुए सहारा इंडिया की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें आरोप है कि इन लोगों ने ना सिर्फ जमीन के असली मालिक का हक छीनने की कोशिश की, बल्कि आपराधिक साजिश के तहत फर्जी कागजात बनवाकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का प्रयास किया।

पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आगे की जांच शुरू कर दी है। सहारा इंडिया का कहना है कि यदि समय रहते यह मामला सामने नहीं आता, तो कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ता।

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