ज्योतिष शास्त्र की गणना नक्षत्रों और ग्रहों पर आधारित है. ज्योतिष के मुताबिक ग्रह-नक्षत्र किसी व्यक्ति की दशा और दिशा को बदलते हैं. ज्योतिष शास्त्र में 3 योग सबसे अधिक शुभ माने गए हैं. ये 3 योगों की गिनती महायोग में की जाती है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ये महायोग हैं तो वे इसका फायदा उठा सकते हैं. हालांकि इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होता है. आइए जानते हैं 3 महायोग के बारे में.
ये भी पढ़े – विवेक अग्निहोत्री की फिल्म पर आमिर खान ने दिल खोलकर रखा अपना पक्ष , बोलें ” हमारा दिल दुखा है…’
ज्योतिष शास्त्र में गजकेसरी योग को सबसे बड़ा और सबसे अधिक शुभ माना गया है. जिस व्यक्ति की कुंडली में ये योग होता है वह खास होता है. चंद्रमा और गुरु के साथ मिलने से ये योग बनता है. गुरु प्रधान लग्न में यह योग अधिक प्रभावशाली होता है. कुंडली में गजकेसरी योग होने पर माता-पिता और बड़े-बुजुर्गों का सम्मान जरूर करना चाहिए. इसके अलावा झूठ बोलने और मदीरा पान करने से बचना चाहिए.
यह योग अधिकांश लोगों की कुंडली में पाया जाता है. इस योग का निर्माण बुध और सूर्य के एक साथ होने से होता है. बुधादित्य योग के कारण मान-सम्मान और धन की प्राप्ति होती है. जब कुंडली में इस योग का निर्माण हो तो ऐसे में सूर्योदय के पहले जगना चाहिए. साथ ही लापरवाही से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से इस योग का लाभ नहीं मिलता है.
ये भी पढ़े – भागलपुर के मुद्दे में सबसे खास मुद्दा भोलानाथ पुल का है, आवाज पहुंची सदन तक
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पंचमहापुरुष योग 5 ग्रहों के योग से बनता है. मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि के योग से पंचमहापुरुष योग बनता है. कुंडली में पंचमहापुरुष योग का लाभ तभी मिलता है जब ये केंद्र या त्रिकोण में बने. साथ ही जिन ग्रहों के बन रहा हो वो ग्रह अस्त ना हो. अगर कुंडली में पंचमहापुरुष योग बन रहा हो तो व्यक्ति को अहंकार से बचना चाहिए.