अहमदाबाद । सूरत की महिला शिष्य से दुष्कर्म मामले में गांधीनगर की अदालत ने मंगलवार को आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई। 81 वर्षीय स्वयंभू बाबा को कोर्ट ने एक दिन पहले दोषी ठहराया था। इस मामले में दस वर्ष पहले प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
सत्र अदालत के न्यायाधीश डीके सोनी ने सजा पर दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। आसाराम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई।
सोमवार को अदालत ने आसाराम को अप्राकृतिक यौनाचार और अवैध रूप से बंधक बनाने समेत कई अन्य धाराओं में दोषी ठहराया था।
इस मामले में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपी थे। एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। कोर्ट ने बाकी पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। दस साल से जेल में बंद आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का यह मामला 22 वर्ष पुराना है।
तब अक्तूबर, 2013 में अहमदाबाद में एफआईआर दर्ज हुई थी। बता दें कि आसाराम अभी जोधपुर जेल में बंद है। वह 2013 में राजस्थान के अपने आश्रम में यूपी की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
जोधपुर की अदालत ने 2018 में यह फैसला सुनाया था।
अधिकतम सजा मिली
सरकारी वकील आरसी कोडेकर ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि आसाराम आदतन अपराधी है। इसलिए उसे भारी जुर्माने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई जाए।
फैसला आने के बाद कोर्ट के बाद कोडेकर ने कहा, आसाराम को जिस अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है उसके लिए अधिकतम उम्रकैद अथवा 10 वर्ष जेल की सजा का प्रावधान है। उसे अधिकतम सजा मिली है।