राज्य में अक्सर हर्ष फायरिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं। देखा गया है कि ऐसी घटनाओं से उत्सव का माहौल पलभर में मातम में बदल जाता है।
इस वर्ष मई तक हर्ष फायरिंग की 40 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें करीब 20 ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें लगभग 25 लोगों की जान चली गई।
हर्ष फायरिंग के बढ़ते चलन पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को सख्त निर्देश दिए हैं। उनसे हर्ष फायरिंग की घटनाओं का पूरा ब्योरा डाटाबेस के साथ मुख्यालय भेजने के लिए कहा गया है।
इसके बाद हर्ष फायरिंग में उपयोग होने वाले सभी हथियारों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए जाएंगे। यही नहीं, इन लाइसेंसधारकों की सूची तैयार कर इन्हें ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा।
इससे भविष्य में इन्हें दोबारा हथियार का लाइसेंस नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि इन घटनाओं में उपयोग होने वाले करीब 65 फीसदी हथियार लाइसेंसी होते हैं।
कुछ वर्ष पहले तक हर्ष फायरिंग की घटनाएं मुख्य रूप से आरा, बक्सर, गया, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर जिलों में ही अधिक होती थी। परंतु अब इसका चलन समस्तीपुर, दरभंगा, पटना, औरंगाबाद के अलावा सीमांचल के जिलों पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल में भी बढ़ है।
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