अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 29 सितंबर से अनिश्चिकालीन हड़ताल कर रही सेविका-सहायिकाओं ने गुरुवार को मधेपुरा सर्किट हाउस में शिक्षामंत्री प्रो. चंद्रशेखर का घेराव किया। सेविकाओं ने शिक्षामंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि बिहार सरकार उन लोगों के साथ वादाखिलाफी की है। सेविका ने मंत्री चंद्रशेखर से कहा कि वादा किया है तो निभाना पड़ेगा।

इनका कहना था कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन द्वारा अपने घोषणा-पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय को दुगुना करने का वादा किया था। लेकिन अब तक उनलोगों की मांगों पूरा नहीं किया गया। सेविकाओं की मुख्य माँग है कि सेविकाओं को 25 हजार एवं सहायिकाओं को मिले 18 हजार मानदेय मुख्य मांगों में बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि 10 हजार सुनिश्चित किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बिहार में भी ग्रेच्युटी भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए, केन्द्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए क्रमशः ग्रेड सी और ग्रेड डी में सामायोजित किया जाए, जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता है, तब तक सेविकाओं को 25 हजार एवं सहायिकाओं को 18 हजार प्रतिमाह मानदेय राशि दी जाए। योग्य सहायिका से सेविका में बहाली हेतु अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने के प्रावधान को लागू किया जाए एवं सेविका से पर्यवेक्षिका तथा सेविका सहायिका के रिक्त सभी पदों पर अभिलब बहाली सुनिश्चित की जाए। 16 मई 2017 एवं 20 जुलाई 2022 के समझौते के आलोक में लंबित मांगों को लागू किया जाए। वही शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि आंदोलन करना सबका हक है आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांगों को वह सरकार के समक्ष रखेंगे।

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