सहरसा जिला जहाँ पुरे देश के साथ सहरसा में भी काँग्रेस पार्टी का संगठनात्मक चुनाव जारी है इसी कड़ी में स्थानीय पं राजेन्द्र मिश्र काँग्रेस भवन कचहरी ढाला कार्यालय सहरसा में, जिला निर्वाची पदाधिकारी श्री राकेश तिवारी जी की अध्यक्षता में निर्विरोध प्रखण्ड अध्यक्ष पद पर सिमरी बख्तियारपुर से डॉ. इम्तियाज अंजुम, कहरा से पंकज कुमार सिंह, सहरसा नगर से वीरेंद्र पासवान, बनमा इटहरी से नागेश्वर प्रसाद यादव,
नवहट्टा प्रखण्ड से प्रशांत यादव को पद एवं काँग्रेस के संविधान की शपथ दिलाई एवं बाँकी बचे सभी प्रखण्डों की घोषणा कल कर दी जाएगी, काँग्रेस जिला अध्यक्ष पद हेतु अन्तिम समय तक सहमति नहीं बन पाने के कारण जिला अध्यक्ष पद हेतु नामांकन ले लिया गया है, साथ ही महिला अध्यक्ष के लिए रेखा झा को नोमनेट किया गया है सहमति नहीं बनने की स्थिती में जिला निर्वाची पदाधिकारी के प्रतिवेदन के साथ अंतिम निर्णय के लिए बिहार निर्वाची पदाधिकारी एवं केंद्रीय निर्वाचन पदाधिकारी को भेज दिया जाएगा !

इस सभा में सत्तर कटैया निवासी कैलाश कुमार मिश्रा ने पार्टी के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए काँग्रेस की सदस्यता ग्रहण की ! सभा को संबोधित करते हुए जिला निर्वाची पदाधिकारी राकेश तिवारी ने कहा कि भारत की जनता पूर्ण रूप से भाजपा द्वारा गरीब, मजदूर, नौजवान के खिलाफ नीतियों को समझ चुकी है,
देश की हालत किसी से छुपी नहीं है, उन्होंने नौंजवानों का आह्वान करते हुए कहा कि अब वक्त है नौजवानों को जात-पात से ऊपर उठाकर देश की मौजूदा सरकार को उसकी औकात बताने का ताकि आने वाली सरकारें सिर्फ और सिर्फ देश के हित की रक्षा करे, विगत 8 वर्षों में नाम बदलने और काँग्रेस द्वारा स्थापित बड़ी-बड़ी संस्था को बेचने के अलावा अगर ये सरकार ने कुछ किया है तो सिर्फ जातीय उन्माद फैलाकर देश के माहौल को विषाक्त किया है, ऐसी स्थिति में देश को पूंजीपतियों के हाथों बचाने के लिए हम काँग्रेसजनों का दायित्व और बढ़ गया है, इस देश के निर्माण में हमारे पूर्वजों का खून और पसीना लगा है, हम इसतरह देश को लूटने नहीं देंगे !
सभा को संबोधित करते हुए ए.आई.सी.सी. सदस्य डॉ. तरनानंद सादा ने कहा कि अब वक्त है काँग्रेसियों को एक जुट होकर मौजूदा केंद्र की तानाशाह सरकार के खिलाफ सड़क पर संघर्ष करने का समय है वर्ना अब देश की स्थिति अंग्रेजी हुकूमत से भी बदतर हो जाएगी, महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है और ये सरकार लगातार संविधान और इस देश के ढांचे पर प्रहार कर रही है, अशोक स्तम्भ के मूल स्वरूप को बदल दिया जाना इस सरकार की नीयत को दर्शाती है, आने वाले वक्त में तिरंगा की जगह आर.एस. एस. का झण्डा को ही राष्ट्रीय ध्वज कर दिये जाने का सडययंत्र रचा जा रहा है,
भारत जैसे महान लोकतंत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र का पालन करने का मशवरा दिया जा रहा है, जो देश के लिए शर्म की बात है, उन्होंने कहा कि वक़्त रहते भारत की जनता अगर जागरूक नहीं हुई तो श्रीलंका से भी ज्यादा भयावाह स्तिथि पर सरकार लाकर खड़ा कर देगी, धीरे-धीरे सरकारी सम्पतियों को कॉरपोरेट के हाथों बेचा जा रहा है, देश का रुपिया सबसे निचले स्तर पर है, महंगाई से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री धर्म और जाती की बांसुरी बजाकर चैन की नींद सो रहे हैं ! बैठक को मुख्य रूप से डॉ. मोईज उद्दीन,
रामसागर पांडेय, मो. नईम उद्दीन, कुमार हीरा प्रभाकर, गणेश्वर सिंह, मुकेश कुमार झा, साबिर हुसैन, बद्री प्रसाद यादव, विमलकांत झा, डॉ. संजीव झा, सुदीप कुमार सुमन, मजनू हैदर अली कैश, मनीष कुमार, विराज कश्यप, तारणी ऋषिदेव, रेखा झा, सुरेंद्र ना. सिंह, सत्यनारायण चौपाल गयासुद्दीन खां, मो. मोईन, वीरेंद्र पासवान, भरत झा, बैजनाथ झा, उमाशंकर सिंह, अख्तर सिद्दीकी, अब्दुल वासित गंगा चरण यादव, अशोक सिंह इत्यादी लोगों ने संबोधित किया !