भागलपुर और आसपास के इलाकों में नकली नोटों का कारोबार फिर से बढ़ने की खबर से बाजार में हलचल मच गई है। हाल ही में, पुलिस की विशेष शाखा को खुफिया जानकारी मिली है कि तस्कर बड़े पैमाने पर 500 रुपए के नकली नोट बाजार में उतार रहे हैं। इसको लेकर प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाते हुए सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है।
विशेष शाखा ने जिलों के डीएम, एसएसपी, एसपी, रेल एसपी, एसएसबी, बीएसएफ और आर्थिक अपराध इकाई को एक पत्र भेजा है, जिसमें नकली नोटों के कारोबार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है। साथ ही, बाजारों में नकली नोटों की पहचान और जब्ती के लिए विशेष जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
तस्करों की बड़ी गलती
तस्करों ने नकली नोटों को असली जैसा दिखाने के लिए काफी मेहनत की है, लेकिन एक बड़ी गलती कर दी है, जिसने पुलिस के लिए इन नोटों की पहचान आसान बना दी है। विशेष शाखा ने बताया कि 500 रुपए के नकली नोट में Reserve Bank of India की जगह Resarve Bank of Ind्रं लिखा गया है। यह गलती इतनी स्पष्ट है कि सतर्क व्यापारी और ग्राहक आसानी से नोट की पहचान कर सकते हैं।
खुफिया विभाग ने तस्करों की इस गलती का लाभ उठाते हुए नकली नोट का नमूना भी सभी जिलों को भेजा है, ताकि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बाजार में फैले इन नकली नोटों को जल्दी से पहचान सकें।
बाजार में नकली नोटों का प्रभाव
भागलपुर जैसे प्रमुख व्यापारिक केंद्र में नकली नोटों की बढ़ती गतिविधियों ने व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है। नकली नोटों के कारण छोटे और बड़े व्यापारी आर्थिक नुकसान झेलते हैं। नकली नोटों की पहचान करना कभी-कभी मुश्किल हो जाता है, लेकिन अब तस्करों की गलती से यह काम थोड़ा आसान हो गया है।
विशेष जांच अभियान
पुलिस की खुफिया इकाई ने सभी जिलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे नकली नोटों के कारोबार पर नकेल कसने के लिए तुरंत विशेष जांच अभियान शुरू करें। इसमें बाजारों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले इलाकों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखने और नकली नोटों के स्रोत का पता लगाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्रवाई की जा रही है।
आर्थिक अपराध इकाई की भूमिका
आर्थिक अपराध इकाई ने नकली नोटों के मामलों को गंभीरता से लेते हुए निगरानी तंत्र को मजबूत करने की बात कही है। नकली नोटों का प्रचलन केवल व्यापारियों के लिए ही नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी खतरा है। नकली नोट लेने से लोगों का आर्थिक नुकसान होता है और अपराधियों को फायदा होता है।
इस मामले में जनता से भी सतर्क रहने की अपील की गई है। यदि कोई व्यक्ति नकली नोट पाता है, तो उसे तुरंत पुलिस या प्रशासन को सूचित करने की सलाह दी गई है। नकली नोटों को पकड़ने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए जनता और प्रशासन का सहयोग आवश्यक है।
कैसे करें नकली नोट की पहचान
विशेषज्ञों के अनुसार, नकली नोटों को पहचानने के लिए कुछ सामान्य बातों पर ध्यान देना जरूरी है:
- छपाई की गुणवत्ता – असली नोट की छपाई स्पष्ट और धारदार होती है, जबकि नकली नोट की छपाई में अक्सर धुंधलापन होता है।
- जल चिह्न (वॉटरमार्क) – असली नोट में महात्मा गांधी की तस्वीर एक विशेष कोण से देखने पर ही दिखती है।
- सुरक्षा धागा – असली नोट में सुरक्षा धागा होता है, जो नोट को मोड़ने पर हरे से नीला हो जाता है।
- अंग्रेजी शब्दों की सही वर्तनी – ताजा नकली नोटों में वर्तनी की गलती से आसानी से पहचान हो सकती है।
पुलिस और जनता का संयुक्त प्रयास जरूरी
भागलपुर बाजार में नकली नोटों की बरामदगी और इसे फैलने से रोकने के लिए पुलिस, प्रशासन, और जनता को मिलकर काम करना होगा। विशेष शाखा द्वारा भेजे गए अलर्ट और नमूनों के आधार पर कार्रवाई तेज कर दी गई है।
जिला पुलिस ने कहा है कि नकली नोटों के व्यापार में शामिल लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इसके लिए बाजारों और अन्य प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और गुप्तचरों को भी सक्रिय किया गया है।
नकली नोटों के खिलाफ इस लड़ाई में प्रशासन ने जनता का समर्थन मांगा है। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे नकली नोटों की पहचान के प्रति जागरूक रहें और किसी भी संदिग्ध नोट को तुरंत अधिकारियों को सौंप दें।
निष्कर्ष
नकली नोटों का बढ़ता कारोबार न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। भागलपुर में नकली नोटों के इस नए खतरे को लेकर पुलिस ने जो कदम उठाए हैं, वे सराहनीय हैं। तस्करों की छोटी-सी गलती से नकली नोटों को पहचानने में जो आसानी हुई है, वह पुलिस और जनता दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी।