बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनता दल (यूनाइटेड) को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। मधुबनी जिले की लौकहा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री **लक्ष्मेश्वर राय** ने गुरुवार को **जेडीयू की सदस्यता से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD)** का दामन थाम लिया है। राय के इस कदम से न सिर्फ जिले के राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना है, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रणनीति पर भी बड़ा असर पड़ सकता है।
लक्ष्मेश्वर राय का राजनीतिक करियर लंबे समय से मधुबनी के लौकहा क्षेत्र से जुड़ा रहा है। उन्होंने **नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री** के रूप में भी काम किया था, लेकिन बीते कुछ वर्षों से पार्टी के भीतर अपनी अनदेखी से वे नाराज़ चल रहे थे। इस्तीफा देते हुए राय ने सीधे तौर पर **जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा** पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा—“अब पार्टी में नीतीश कुमार नहीं, बल्कि संजय झा सब कुछ चला रहे हैं। मुख्यमंत्री को साइडलाइन कर दिया गया है और कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं होती।”
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, राय की नाराज़गी उस समय और बढ़ गई जब उन्हें इस बार टिकट देने को लेकर पार्टी में असमंजस की स्थिति बनी रही। उन्होंने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वे दूसरा रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। और आखिरकार, उन्होंने **राजद की सदस्यता लेकर उस संकेत को वास्तविक रूप दिया।**
साल **2020 के विधानसभा चुनावों में** लक्ष्मेश्वर राय को **राजद प्रत्याशी भारत भूषण मंडल** ने मात्र **1,007 वोटों के अंतर से** हराया था। उस समय **लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)** के उम्मीदवार के कारण वोटों का बंटवारा हुआ था, जिसे उनकी हार की मुख्य वजह माना गया। इस बार, राजद में शामिल होने के बाद राय लौकहा में एक बार फिर मुकाबले को दिलचस्प बना सकते हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राय के इस कदम से मधुबनी जिले के समीकरणों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दो महीनों में **लौकहा क्षेत्र का दो बार दौरा किया था**, जिससे यह सीट उनकी प्राथमिकता में थी। ऐसे में राय का पार्टी छोड़ना जेडीयू के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
वहीं, **राजद के प्रदेश नेतृत्व ने लक्ष्मेश्वर राय का पार्टी में स्वागत करते हुए** कहा है कि उनका अनुभव और जनाधार पार्टी को मजबूती देगा। पार्टी सूत्रों का दावा है कि राय के आने से राजद को लौकहा समेत पूरे मधुबनी इलाके में नई ऊर्जा मिलेगी।
राजनीतिक माहौल के बीच अब यह देखना दिलचस्प होगा कि **नीतीश कुमार की पार्टी इस नुकसान की भरपाई कैसे करती है**, और क्या लक्ष्मेश्वर राय राजद के टिकट पर आगामी चुनाव में एक बार फिर जनता का विश्वास जीत पाते हैं या नहीं।
