लीजेंडरी सिंगर और म्यूजिक कंपोजर बप्पी लहरी ने इसी साल फरवरी में हम सभी को अलविदा कह दिया था। बप्पी लहरी को उनकी आवाज के अलावा उन खूबसूरत गोल्ड चेन्स के लिए भी जाना जाता था जिन्हें वो हमेशा पहने रहते थे। बप्पी दा के जाने के बाद अब उनकी गोल्ड जूलरी का क्या किया जाएगा इस सवाल का जवाब शायद बहुत से फैंस जानना चाहते होंगे। अब बप्पी लहरी के बेटे ने एक इंटरव्यू में बताया है कि उनके परिवार ने बप्पी दा की जूलरी के साथ क्या करने का फैसला किया है।
गोल्ड को भगवान मानते थे बप्पी दा
इंडिया टुडे के साथ बातचीत में बप्पी दा ने एक बार बताया था कि उनके पिता ने दुनिया भर के अलग-अलग देशों और शहरों से गोल्ड इकट्ठा किया था। इसमें हॉलीवुड की वैटिकन सिटी भी शामिल है। जहां बप्पी दा कई बार ये बात कह चुके थे कि गोल्ड उनके लिए सिर्फ फैशन स्टेटस नहीं है वहीं अब उनके बेटे ने बताया है कि बप्पी लहरी इस सोने को स्प्रिचुअल ढंग से देखते थे।
म्यूजियम में रखावाया जाएगा ये सोना
बप्पी लहरी के बेटे बप्पा लहरी ने उनकी गोल्ड चेन्स के बारे में कहा, ‘हम चाहते हैं कि लोग उनकी चीजों को देख सकें, इसलिए हम शायद इसे किसी म्यूजियम में रखवाएंगे। उनके पास जूतों, चश्मों, टोपियों, घड़ियों और जूलरी का पूरा कलेक्शन था जिसे वह बहुत ज्यादा प्यार करते थे और एक शोकेस में रखा करते थे।’ बता दें कि बप्पा लहरी भी कुछ गाने बॉलीवुड के लिए अभी तक कंपोज कर चुके हैं।
इन सुपरहिट गानों के पीछे रहा बप्पी का हाथ
बप्पी लहरी ने रात बाकी बात बाकी, ‘नैनों में सपना’, ‘यार बिना चैन कहां रे’, ‘याद आ रही है’ और ‘तम्मा तम्मा’ जैसे सुपरहिट गाने गाए थे। 80 और 90 के दशक में उन्हें लोग डिस्को किंग के नाम से जाना करते थे। 1985 में बप्पी लहरी को फिल्म ‘शराबी’ का साउंड ट्रैक कंपोज करने के लिए उन्हें बेस्ट बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया था।
