सहरसा। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में शनिवार को जिले के शिवपुरी स्थित सियाराम चौक, वार्ड संख्या-05 में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही। लंबे समय से बिहार सरकार की भूमि पर किए गए अतिक्रमण पर प्रशासन ने दंडाधिकारी और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई की।
जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र में कुल 12 मकान सरकारी भूमि पर बनाए गए थे। पहले दिन 10 आवासीय भवनों को तोड़ दिया गया था, जबकि शेष दो मकानों का मामला एसडीएम कोर्ट में लंबित है। प्रशासन ने बताया कि जल्द ही इन दो मकानों को भी हटाया जाएगा। कार्रवाई के बाद पूरे इलाके में मलबे का ढेर लग गया, जिससे प्रभावित परिवारों को अस्थायी रूप से मलबे पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।
स्थानीय पूर्व मुखिया केवल यादव ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पहले सरकार इन घरों से राजस्व वसूली करती थी, तब प्रशासन ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई कई परिवारों के लिए अचानक आई और इससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
अतिक्रमण हटाने के दौरान कुछ हरे पौधे भी काट दिए गए। इस पर डीएफओ चिंतापल्ली ने कहा कि यदि कोई आवेदन देगा तो इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई के दौरान कहरा अंचलाधिकारी सौरभ कुमार, सत्तरकटैया अंचलाधिकारी विद्याचरण और सोनवर्षा राज अंचलाधिकारी आशीष कुमार के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल, जिसमें महिला पुलिस कर्मी भी शामिल थीं, तैनात रहे। सुरक्षा व्यवस्था का यह इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि कार्रवाई के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना न हो।
सूत्रों के अनुसार, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में एक अधिवक्ता की तीन इमारतें भी शामिल हैं। इन इमारतों के मालिक द्वारा 20 लाख रुपये खर्च कर इन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा रहा है। अंचलाधिकारी सौरभ कुमार ने बताया कि पूरी कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में की जा रही है और सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर वापस लिया जा रहा है।
प्रशासन ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी किसी भी अवैध अतिक्रमण की शिकायत पर तत्परता से कार्रवाई की जाएगी। सरकारी भूमि को सुरक्षित रखने और उसका उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन लगातार निगरानी बनाए रखेगा।
इस कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि हाईकोर्ट और राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए किसी भी अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरकारी संपत्ति को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाएगा।
