बिहार में देवोत्थान एकादशी के बाद शादी-विवाह के आयोजनों में शुक्रवार से तेजी आएगी।
इस दौरान हर्ष फायरिंग की घटना सामने आने पर आयोजक से लेकर थानाध्यक्ष तक की जवाबदेही तय होगी।
वहीं, हर्ष फायरिंग करने वाले आरोपी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत आरोपी को आर्म्स एक्ट के तहत दो से सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
पुलिस मुख्यालय ने हर्ष फायरिंग को रोकने के लिए सभी जिलों को अलर्ट किया है। इसके पूर्व पिछले चार माह में जिलों में थानाध्यक्षों के माध्यम से सभी विवाह भवनों, विवाह स्थल, सामुदायिक केंद्र इत्यादि की जानकारी एकत्र की गयी है। इसके साथ ही, विवाह भवनों के प्रबंधकों के साथ बैठक भी आयोजित की गयी है।
गुरुवार को अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था संजय कुमार सिंह ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 27 जून 2023 को राज्य में हर्ष फायरिंग को प्रतिबंधित करते हुए इसे नियंत्रित करने का निर्देश दिया गया था।
राज्य में इस वर्ष अबतक कुल 86 हर्ष फायरिंग से जुड़े कांड दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष कुल 99 कांड दर्ज किए गए थे। जनवरी से जून 2023 तक हर्ष फायरिंग से जुड़े 68 कांड दर्ज किए गए थे, जबकि जुलाई से अबतक 18 कांड दर्ज किए गए हैं। जो हर्ष फायरिंग की घटनाओं में कमी को दर्शाता है। पिछले वर्ष 127 व्यक्तियों को हर्ष फायरिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस वर्ष अबतक 100 को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एडीजी ने बताया कि विवाह भवन के मैनेजर शादी समारोह के आयोजक से शपथ पत्र लेंगे और आयोजन की सूचना संबंधित थाना को देंगे।
इसमें आयोजक पक्ष को घोषित करना होगा कि इस समारोह में हर्ष फायरिंग नहीं की जाएगी।
अगर मैनेजर शपथ पत्र नहीं भरवाते हैं या आयोजक शपथ पत्र नहीं देते हैं और हर्ष फायरिंग की जाती है, तो जांच कर दोनों पर कार्रवाई की जाएगी।