सहरसा जिले के बैजनाथपुर थाना क्षेत्र के तिरी गांव से एक बेहद दुखद और रहस्यमय मामला सामने आया है। गांव के 40 वर्षीय संतोष कुमार की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई है। संतोष कुमार वार्ड नंबर 12 के निवासी थे और लक्षमिया पंचायत के अंतर्गत आते थे। वे स्वर्गीय देवनारायण यादव के पुत्र थे। उनकी असामयिक मृत्यु से पूरा गांव शोक में डूब गया है।
परिजनों ने बताया कि संतोष अपने परिवार के इकलौते सहारा थे। वे मेहनत-मजदूरी करके, खासकर आटा चक्की चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। संतोष अपने पीछे दो नाबालिग बेटियों को छोड़ गए हैं, जिनका भविष्य अब अनिश्चितता के घेरे में आ गया है। उनकी पत्नी और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
स्थानीय लोगों के अनुसार संतोष एक शांत और मेहनती व्यक्ति थे। उन्हें कभी किसी विवाद में नहीं देखा गया था। वे हर दिन की तरह अपने काम में व्यस्त रहते थे और परिवार के लिए जीते थे। ऐसे में उनकी अचानक हुई मृत्यु ने सभी को हैरान और दुखी कर दिया है। गांव के लोग इस घटना को स्वाभाविक नहीं मान रहे हैं और इसे संदिग्ध बता रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही बैजनाथपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सहरसा सदर अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल मौत के कारणों को लेकर कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
परिजनों का साफ कहना है कि संतोष की मौत सामान्य नहीं है। उनका कहना है कि संतोष न तो किसी बीमारी से पीड़ित थे और न ही उन्हें किसी तरह की कोई पारिवारिक या सामाजिक परेशानी थी, जिससे वे आत्महत्या जैसे कदम उठाते। परिजन इसे साजिश बता रहे हैं और पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
गांव के बुजुर्गों और समाजसेवियों ने भी इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है और प्रशासन से शीघ्र सच्चाई सामने लाने की अपील की है। लोगों का कहना है कि अगर यह मौत सामान्य नहीं है तो दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, ताकि मृतक को न्याय मिल सके और गांव में दोबारा ऐसी घटना न हो।
फिलहाल पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। घटनास्थल से जुड़े साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं और लोगों के बयान लिए जा रहे हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि हर पहलू की जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। संतोष की मासूम बच्चियों को देख हर किसी की आंखें नम हो जाती हैं। लोगों को संतोष की असमय मौत पर न सिर्फ दुख है बल्कि इस बात की चिंता भी है कि अब उनका परिवार कैसे जीवन यापन करेगा।
यह मामला एक बार फिर से ग्रामीण क्षेत्रों में आम जन की सुरक्षा, न्याय व्यवस्था और सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करता है। अब सबकी निगाहें पुलिस जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं, ताकि मृतक संतोष कुमार को न्याय मिल सके और दोषियों को सजा।
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