सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 22 वर्षीय युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 27 निवासी नरेश मोदी के पुत्र ऋतिक कुमार के रूप में की गई है। ऋतिक पेशे से एक निजी ड्राइवर था और रानी बाग मोहल्ले के तूफानी नामक व्यक्ति के यहां स्कॉर्पियो चालक के तौर पर काम करता था।
घटना शनिवार देर रात की बताई जा रही है। परिजनों के अनुसार, बकरीद की रात ऋतिक अपने मालिक तूफानी के घर पर ही भोजन करने गया था। इसके बाद वह देर रात तक घर नहीं लौटा। परिजनों ने सोचा कि वह शायद काम के सिलसिले में वहीं रुक गया होगा, लेकिन कुछ ही देर बाद पुलिस से उन्हें एक सूचना मिली जिसने सबको हैरान कर दिया।

पुलिस ने बताया कि ऋतिक का शव घर से लगभग 300 मीटर दूर नहर के पास, दक्षिणी ढाला के निकट लावारिस हालत में पाया गया है। जब परिजन मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि ऋतिक के मुंह से झाग निकल रहा था। यह देख परिवार ने तुरंत आशंका जताई कि उसकी मौत सामान्य नहीं है, बल्कि उसे जहर देकर मारा गया है।
परिजनों का कहना है कि ऋतिक का किसी से कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं था और वह एक शांत स्वभाव का मेहनती युवक था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या हो सकती है और इसकी निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सिमरी बख्तियारपुर थाना अध्यक्ष अमरनाथ कुमार ने बताया कि शव की पहचान कर ली गई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है।
थानाध्यक्ष ने यह भी कहा कि अभी तक की जांच में कोई स्पष्ट सुराग नहीं मिला है, लेकिन परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सभी बिंदुओं पर तहकीकात की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
इधर, मृतक के परिजनों और मोहल्ले के लोगों में घटना को लेकर आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि यदि यह मामला हत्या का है, तो दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए और सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
ऋतिक की असमय मौत से उसके घर में कोहराम मच गया है। मां, पिता और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ऋतिक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था और परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। उसकी अचानक हुई मौत ने पूरे परिवार की कमर तोड़ दी है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि किसी प्रभावशाली व्यक्ति का नाम इस प्रकरण में सामने आता है, तो पुलिस पर दबाव न बनाया जाए और कानून अपना काम ईमानदारी से करे।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और क्षेत्र में इस घटना को लेकर चर्चा का माहौल बना हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि ऋतिक की मौत वास्तव में किसी साजिश का हिस्सा थी या किसी अन्य कारण से हुई है। लेकिन परिजन इसे साफ तौर पर हत्या मान रहे हैं और न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक आम लोग इस तरह संदिग्ध हालातों में अपनी जान गंवाते रहेंगे और कब तक उनके परिवार न्याय के लिए दर-दर भटकते रहेंगे। पुलिस और प्रशासन की भूमिका अब इस मामले में निर्णायक होगी कि वे सच्चाई को सामने लाने में कितनी ईमानदारी और तत्परता दिखाते हैं।
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