भागलपुर में लगातार जहरीली शराब से मौत हो रही है। जो लगातार सुर्खियों में बना रहा।वही दूसरी तरफ एक दूध देने वाला जर्मन यादव के साथी ने एक महिला को अकेला देख कर उसके साथ जोर जबरदस्ती कर नाजायज संबंध बनाने का प्रयास कर रहा था ।
वही महिला ने जब उसका विरोध किया तो अपराधी ने महिला मुंह दाब कर बंद और उसके साथ हाथापाई करते हुए बोला की छट पट करोगी तो जान से मार देंगे लेकिन महिला द्वारा उसका लगातार प्रतिरोध करता रहा ।वही जब किचन में बर्तन का आवाज हुआ ।तोह पड़ोस में रह रही महिला की गोतनी आई तो गोतनी ने जब उसको मारने दौड़ा तो अभियुक्त उसको भी घूर घूर कर देखने लगा ।और लोगो की आने के संदेह पर वहा से दूध देने वाला रफू चक्कर हो गया ।
वही आरती कुमारी ने बताया की पहले जर्मन यादव पिछले दो वर्षों से दूध देते आ रहा था। लेकिन दूध कम होने की बात कह कर अब हम दूध नही दे पाएंगे ।मेरे बदले अब मेरा भाई दूध देगा ।वही महिला ने पिछले 45 दिनो से जर्मन यादव के भाई से दूध लेने लगा ।जर्मन यादव का भाई पिछले 45 दिनो से दूध देते आ रहा था ।
वही 22 तारीख को घर में किसी के नही होने पर दूध देने वाले ने एक ग्लास पीने के लिए पानी मांगा ।जब आरती कुमारी पानी लेने अपने किचन गई तो उक्त अपराधी भी उसके पीछे उसका रसोई घर में घुस गया ।और हैवानियत पर उतर गया।वही पिरीत महिला ने बताया की हमारे पति अपने बच्चे को इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गया था।
घर पर हम और हमारी एक बेटी मौजूद थी।वही जब इसकी सूचना स्थानीय थाना को दिया गया।तो स्थानीय थाना द्वारा दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचा और घटना की सारी जानकारी ली।वही उक्त महिला और उसके परिजन ने आवेदन लेकर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति थाना मामला को दर्ज कराने के लिए पहुंची ।
तो अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति थाना प्रभारी ने उक्त आवेदिका को महिला का मामला बताते हुए। महिला को आवेदन लेकर महिला थाना भेज दिया ।वही हम आपको बता दें कि जब आवेदिका अपना आवेदन महिला थाना पहुंची तो महिला थाना प्रभारी और उसके परिजन को दूध वाले के विसय में बोलने लगी की दूध वाला भला लड़का है।
तुम उसपर गलत आरोप लगा रही है। वही जब इस खबर की पड़ताल किया गया तोह अनुसूचित जाति जनजाति थाना प्रभारी से पूछने पर बताया की आइसा कोई मामला मेरे थाना में आया ही नहीं है। वही जब इस की पूछताछ महिला थाना प्रभारी से पूछा गया तो ।
महिला थाना प्रभारी ने बताया की महिला को आवेदन छेड़ छाड़ वाला लिख कर देने को कहा गया ।लेकिन आवेदिका द्वारा बोला गया की हम अपना आवेदन नही बदलेंगे जो घटना मेरे साथ हुआ है । हम वही चीज लिखे है।
वही आवेदिका प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अनुसूचित जाति जनजाति थाना और महिला थाना का चक्कर लगाती रही। लेकिन लेकिन न्याय मिलने की वजह आवेदन को सुधार करने की नसीहत महिला थाना प्रभारी के द्वारा दे दिया गया।जब महिला के आवेदन पर कोई थाना संज्ञान नही लिया ।
तो अंत में आवेदिका इसाक चक थाना प्रभारी को लिखित आवेदन दिया। वही महिला ने बताया की इसाक चक थाना से आश्वासन प्राथमिकी करने का मिला है । दर्ज करने का आश्वासन दिया गया । क्या सरकार लगातार महिला को आगे करने के लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बया करता है ।जब महिला को अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर इसी तरह न्याय मिलेगी ।
आपको बता दें कि क्या भागलपुर जिला में एक महिला न्याय के लिए एक थाना से दूसरे थाना इसी तरह भटकती रहेगी। वही आवेदिका के परिजन द्वारा जर्मन यादव को पकड़ कर इसाक चक थाने को सुपुर्द भी किया गया है।वही जर्मन यादव कोइली का रहने वाला बता रहा है।
सवाल यह उठता है कि जब भागलपुर एसएसपी बाबूराम के द्वारा इतनी शक्ति बरतने के बाद भी कुछ थाने के थाना प्रभारी अपने मन मर्जी का कार्य करते है। जहां पुलिस द्वारा यह स्लोगन लगाया जाता है। भागलपुर पुलिस आपकी सेवा में तत्पर लिखा दिखता है।वही जमीनी हकीकत कुछ और बया करता है ।अब देखना यह लाजवी होगा की पुलिस प्रशासन के द्वारा इस आवेदिका को न्याय मिलती है। या इसी तरह न्याय के लिए भटकती रहेगी।