बिहार में अगले पाँच वर्षों में एक करोड़ नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराने के लक्ष्य की दिशा में नीतीश सरकार ने तेजी के साथ कदम बढ़ा दिए हैं। सभी जिलों में उद्योगों का जाल बिछाने की योजना तैयार हो रही है, जबकि दूसरी तरफ सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों की पहचान भी शुरू हो गई है। सरकार का फोकस है—उद्योग, सरकारी नियुक्ति और नए विभागों के माध्यम से अधिकतम रोजगार सृजन।
जल्द मिलेंगी बड़ी सरकारी नौकरियाँ:
राज्य में लगभग पाँच लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं, जिनमें शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग सबसे आगे हैं। शिक्षा विभाग में दो लाख से अधिक और स्वास्थ्य विभाग में 65 हजार पद खाली हैं। दोनों विभागों के मंत्रियों ने 50 हजार से अधिक पदों पर शीघ्र बहाली की घोषणा कर दी है। गृह विभाग में 41 हजार, जबकि अन्य विभागों में भी हजारों पद खाली हैं। विभागों से दोबारा रिक्तियों का ब्योरा मांगा गया है, जिसके बाद सटीक आंकड़ा सामने आएगा। 2026 से कई विभागों में बड़े पैमाने पर बहाली देखने को मिलेगी।
2026 में जिन प्रमुख विभागों में बहाली होगी:
स्वास्थ्य विभाग—26,000
शिक्षा विभाग—27,000
गृह विभाग—25,847
पंचायत विभाग—8,298
ग्रामीण विकास—11,784
विधि विभाग—900
पथ निर्माण विभाग—2,465
कृषि विभाग—3,015
ग्रामीण कार्य विभाग—3,346
नगर विकास विभाग—1,948
पशुपालन एवं मत्स्य विभाग—4,814
गन्ना उद्योग विभाग—176
इसके अलावा सरकार द्वारा घोषित तीन नए विभागों में भी बड़ी संख्या में नौकरी के अवसर खुलेंगे।
विशेषज्ञों की राय:
राजनीतिक विश्लेषक सुनील पांडे मानते हैं कि एनडीए सरकार का केंद्र बिंदु रोजगार ही है। उनके अनुसार पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में व्यापक बहाली तय है। साथ ही 25 नई चीनी मिलों की स्थापना से बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा और उद्योगों का विस्तार युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा।
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का कहना है कि सरकार को सिर्फ विभागीय रिक्तियों पर नहीं, बल्कि बंद पड़े उद्योगों को फिर से चालू करने और बड़े निवेश को आकर्षित करने पर ध्यान देना चाहिए। बीआईए के पूर्व अध्यक्ष केपीएस केसरी का मानना है कि यदि सरकार 25 चीनी मिलें खोलने की योजना को सफल करती है तो एक लाख से अधिक रोजगार तुरंत पैदा हो सकते हैं।
चुनौतियाँ भी कम नहीं:
एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर कहते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में नौकरी देना आसान नहीं है, क्योंकि बजट की चुनौती सामने है। सरकार रोजगार के विभिन्न मॉडल—जैसे जीविका समूह—के माध्यम से भी संख्या बढ़ाने की कोशिश कर सकती है।
सरकार का दावा:
बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार के अनुसार 2020 में किए गए 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार के वादे को सरकार ने पार कर लिया है। वे दावा करते हैं कि इस बार पाँच वर्षों में एक करोड़ रोजगार–नौकरी देने का लक्ष्य भी पूरा किया जाएगा और नए साल से बिहार में रोजगार की बाढ़ देखने को मिलेगी।
