बिधूना इलाके की रक्षा सोलंकी कान्हा के प्रेम में इस कदर दीवानी हुईं कि उन्होंने अपना पूरा जीवन कन्हैया को समर्पित करने का फैसला कर लिया. शनिवार को उन्होंने अपने घर पर ही विधि-विधान से श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ सात फेरे ले लिए. पंडित जी ने शादी की रस्में पूरी कराईं. परिवार के अलावा आसपास के लोग भी इस खास पल के गवाह बने.
बिधूना कस्बा के भरथना रोड निवासी रणजीत सिंह सोलंकी ने बताया कि उनकी 31 साल की बेटी रक्षा सोलंकी बचपन से ही कृष्ण भक्ति में लीन रहती है. इस प्रेम में बेटी ने कन्हैया के साथ शादी रचाने की इच्छा जाहिर की. इसके बाद हम लोगों ने घर पर ही शादी कराने का फैसला लिया. शनिवार को घर पर पंडित जी को बुलाया गया. हिंदू रीति-रिवाज के साथ भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के साथ बेटी का विवाह कराया गया. रक्षा ने अग्नि को साक्षी मानकर भगवान की मूर्ति के साथ सात फेरे ले लिए.
हाथों में रचाई कान्हा के नाम की मेहंदी :
भगवान श्रीकृष्ण की दुल्हन बनी रक्षा सोलंकी के हाथों में भगवान श्रीकृष्ण के नाम की मेहंदी रची थी. घर में खुशनुमा माहौल के बीच महिलाओं ने मंगलगीत भी गाए. अमूमन शादियों में दूल्हा दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है, लेकिन इस शादी में रक्षा ने खुद भगवान श्रीकृष्ण के नाम के चंदन से अपनी मांग भरी. शादी के बाद परिजनों ने भी रीति रिवाज के साथ विदाई भी की. रक्षा भगवान की मूर्ति के साथ घर से विदा हो गईं. पिता रणजीत सिंह सोलंकी ने बताया कि वह बेटी के फैसले से काफी खुश हैं. भगवान श्री कृष्ण अब उनके दामाद बन गए हैं.
सपने में आते थे भगवान श्रीकृष्ण : रक्षा ने बताया कि उसे कुछ दिनों से भगवान श्री कृष्ण के सपने आ रहे थे. इसमें श्री कृष्ण उसके गले में वरमाला डालते दिख रहे थे. इसकी जानकारी उसने अपने परिजनों को दी. घरवाले दूसरी जगह उसकी शादी करना चाहते थे. बाद में समझाने पर उसके पिता और मां शादी के लिए राजी हो गए. इस शादी से इसे काफी खुशी मिली है.