आज हम जिस व्यक्ति के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वह किसी भी परिचय का मोहताज नहीं है. लोग उसे अपना आदर्श मानते हैं. उनके जैसा बनना चाहते हैं लोग चाहते हैं कि उनका रोगजार और उनका व्यवहार दोनों उस व्यक्ति की तरह हो जी हां आप सही सोच रहे हैं हम बात कर रहे हैं रतन टाटा के बारे में. रतन टाटा ने अपनी कंपनी को आसमानों से भी आगे पहुंचाया है. साथ ही वे जरूरत पड़ने पर जरूरतमंदों को मदद भी करते हैं.
दिसंबर महिने में रतन टाटा का जन्मदिन है. 28 दिसंबर को उन्होंने 84 वां जन्मदिन मनाया है. सादगी इतनी की एक मोमबत्ती और एक कप केके के साथ अपना जन्मदिन मनाया है. इनके जन्मदिन के समय उनके साथ एक युवक दिखाई देता है. रतना टाटा के जन्मदिन के समय का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. उस वीडियो में जो युवक दिख रहा है उसके बारे में खुब चर्चा हो रही है. बतादें कि रतन टाटा के साथ दिखाई देने वाले युवक का नाम शांतनु नायडू है. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो शांतनु रतन टाटा को बिजनेश और इन्वेस्टेमेंट टिप्स देते हैं.
शांतनु महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले हैं उनका जन्म 1993 में हुआ है. वो एक भारतीय बिज़नेसमैन, इंजीनियर, जूनियर असिस्टेंट, सोशल मीडिया इंफ़्लुएंसर, लेखक और एंटरप्रेन्योर हैं. शांतनु टाटा ट्रस्ट में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं. शांतनु ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है और टाटा में काम करने वाले वो अपने परिवार की 5वीं पीढ़ी हैं.
एक मीडिया हाउस से बात करते हुए शांतनु ने बताया था कि ग्रैजुएशन ख़त्म करने के बाद 2014 से वो टाटा ग्रुप के साथ काम करने लगे. एक शाम से लौटते हुए उन्हें एक कुत्ते का मृत शरीर सड़क के बीच पड़ा दिखा. एक स्ट्रे डॉग को उस हालत में देखकर शांतनु को बहुत तकलीफ़ हुई. उन्हें कुत्तों से प्रेम है और उन्हें पहले भी डॉग्स को रेस्क्यू किया था. शांतनु सड़क किनारे खड़े कुत्ते के शरीर को सड़क किनारे लाने की सोच रहे थे और तभी उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें कुछ करना होगा. इसके बाद शांतनु ने अपने दोस्तों को फोन किया और रिफ्लेक्टर्स लगा हुआ कॉलर डिजाइन किया. अगले दिन हमने कई स्टे डॉग्स को कॉलर पहनाए और बहुत ज्यादा अच्छा महसूस किया. इसके बाद लोग शांतनु से वह कॉलर खरीदना चाहते थे लेकिन उसके पास उतना पैसा नहीं था कि वह उसमे निवेश कर सके. इसके बाद उनके पिता ने रतन टाटा को इसको लेकर एक चिट्ठी लिखने को कहा. लेकिन शांतनु को इसकमें दिलचस्पी नहीं थी फिर भी उसने चिट्ठी लिखकर भूल गया. चिट्ठी लिखने के दो महिने के बाद उसे एक लेटर मिला जिसमें रतन टाटा का नाम था और उसमें लिखा हुआ था कि रतन टाट उससे मिलना चाहते हैं. इसके बाद रतन टाटा और शांतनु की मुलाकात मुंबई में हुई.
इसके बाद शांतनु साल 2016 में MBA करने के लिए कॉर्नेल यूनिवर्सिटी चले गए. जब उनका MBA समाप्त हुआ तो उन्होंने टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन ऑफिस में बतौर डिप्टी जनरल मैनेजर जॉइन किया. बताया गया कि रतन टाटा शांतनु की नेकदिली और क्रिएटिव आइडियाज के फैन हैं. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो रतन टाटा शांतनु से बिजनेस और निवेश को लेकर भी सलाह लेते हैं. बता दें कि दुनिया के दिलों में राज करने वाले रतन टाटा को शांतनु ने अपने काम के बदौलत उनका दिल जीत लिया है.