नीतीश सरकार के नए फैसले से बिहार में पुलिसकर्मियों को अब झटका लग गया है। ऑन ड्यूटी पुलिसकर्मी अगर घायल होते हैं या फिर इलाज के दौरान उनकी मौत हो जाती है तो ऐसी सूरत में इलाज पर हुआ पूरा खर्च वापस से नहीं मिलेगा। बिहार में अब पुलिसकर्मियों को इलाज के बाद अन्य सरकारी कर्मियों की तरह सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम की दरों के मुताबिक ही राशि का भुगतान किया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि अगर इलाज पर खर्च ज्यादा आए उसके बावजूद CGSH की दरों के मुताबिक ही भुगतान किया जाएगा। 

आपको बता दें कि जोखिम भरी ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी अक्सर ऑन ड्यूटी घायल हो जाते हैं। इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग के जरिए ड्यूटी के दौरान घायल होने वाले पुलिसकर्मियों के इलाज या फिर उनकी मृत्यु हो जाने पर इलाज का पूरा खर्च दिए जाने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा था। मुख्यालय के मुताबिक के संशोधन के प्रस्ताव पर स्वास्थ्य विभाग ने सहमति नहीं दी है। स्वास्थ्य विभाग ने साल 2015 और 2017 के दो संकल्पों का हवाला देते हुए कहा है कि ऑन ड्यूटी जख्मी या मृत पुलिसकर्मियों को अन्य सरकारी कर्मियों की तरह ही चिकित्सा में खर्च की गई राशि का नियम के मुताबिक ही भुगतान किया जाएगा। 

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जवाब मिलने के बाद अब पुलिस मुख्यालय ने अपने सभी अधिकारियों को स्थिति स्पष्ट करते हुए लेटर जारी किया है। सभी जिलों के पुलिस पदाधिकारियों को यह बताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग के संकल्प के मुताबिक जो व्यवस्था है उसी के मद्देनजर आगे इलाज की कार्यवाही की जाए। उधर पुलिस से एसोसिएशन और मेंस एसोसिएशन पुलिसकर्मियों के इलाज के लिए कैशलेस कार्ड की मांग कर रहा है। पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह के मुताबिक पुलिस कर्मियों की तुलना अन्य सरकारी कर्मियों से नहीं की जा सकती। पुलिसकर्मियों की ड्यूटी कई मायनों में अलग होती है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वह हमेशा विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हैं और ऐसी स्थिति में वह हादसे के भी शिकार हो जाते हैं।

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